कृषि उपज मंडी चुनाव की सुगबुगाहट से नेता चौकन्ने, पिछली समिति का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी बीत चुके 5 साल
कटनी। किसानों को उपज का उचित दाम दिलाने व शासन की किसान हितैषी योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार द्वारा प्रदेश में मंडी समितियों की व्यवस्था बनाई गई है। कटनी में कृषि उपज मंडी समिति का 5 साल का कार्यकाल समाप्त हुए पांच साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक इनके निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।
पिछले चुनाव में निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल तत्कालीन सरकार ने एक साल बढ़ा दिया था, तब संतोष राय कृषि मंडी अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। इसके बाद 6 साल पूरे होने पर इसका भार प्रशासनिक अधिकारियों के जिम्मे हो गया। जिसे अब 5 साल बीत गए है। अब एक बार फिर प्रदेश की मोहन सरकार मंडी चुनावों कराने की तैयारी में हैं। हालांकि जिले में निर्वाचन संबंधी कोई हलचल नहीं है।
जानकारी के अनुसार मंडी चुनाव के समय से अधिक होने के चलते कृषि उपज मंडियों में बनी समितियां 6 जनवरी 2019 को भंग हो गई है। वहीं 7 जनवरी से विधानसभा क्षेत्र की तीनों मंडियों का कार्यभार प्रशासनिक अधिकारियों के पास आ गया है। क्षेत्र में 2012 में मंडी चुनाव हुए थे। इस हिसाब से देखा जाए तो पांच साल बाद 2017 में चुनाव होने थे। इसमें मंडी समिति का कार्यकाल 6-6 माह की अवधि के लिए दो बार बढ़ा दिया गया था। कार्यकाल के एक साल बढ़ने के बाद 2018 में मंडी चुनाव होने के कयास लगाए जा रहे थे। यह साल भी पूरा ऐसे ही बीत गया। तय समय से अधिक होने के चलते 6 जनवरी को क्षेत्र की मंडियों में बनी समितियां भंग हो गई। वहीं मंडी का कार्यभार जब तक चुनाव नहीं होते है तब तक प्रशासनिक अधिकारियों के पास आ गया। अब उनकी निगरानी और देखरेख में ही मंडी से जुड़े निर्णय और कामकाज हो रहे हैं।
इनका कहना है
फ़िलहाल तो इसकी कोई जानकारी नही है। पर मीडिया में आ रही ख़बरों में चुनाव को लेकर सरकार गंभीर है। मंडी समितियों का कार्यकाल 2019 में ही समाप्त हो गया था। इसके बाद एक साल का कार्यकाल बढ़ाया गया था। चुनाव नहीं होने पर समितियां भंग कर मंडियों का भार प्रशासनिक अधिकारियों के पास है। चुनाव कब होंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता। चुनाव कराना सरकार पर निर्भर होता है कि वह कब कराए। अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
प्रदीप मिश्रा
एसडीएम कटनी