कांग्रेस में भरोसेमंद नेता खुलकर हुए बागीः ताहिर-राजेश शाबान ने निर्दलीय नामांकन भरा, टिकट मिलने पर महेश ने कहा बलि का बकरा बनाया.. देखें.. वीडियो

जबलपुर, यशभारत।
नगर निगम चुनावों में नामांकन फार्म भरने के आखिरी दिन जमकर विद्रोह के स्वर गूंज उठे भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की ओर से बागी तेवर दिखाने वाले नेता कलेक्ट्रेट परिसर में बतौर निर्दलीय नामांकन पत्र जमा करते देखे गए। नामांकन भरने तक तो ठीक था कुछ नेताओं ने तो मोर्चा खोलते हुए सीधे क्षेत्रीय विधायकों पर ही हमला कर दिया ।यदि हम कांग्रेस के बागी नेताओं की बात करें तो यहां से पूर्व पार्षद ताहिर अली राजेश यादव शाबान मंसूरी के नाम सामने आए हैं इनके अलावा सबसे हैरत भरी बात तो यह है कि वार्ड क्रमांक 1 गढ़ा से प्रत्याशी बनाए गए महेश पटेल ने भी विरोध का मोर्चा खोल दिया है । कलेक्ट्रेट परिसर में पार्टी नेताओं के खिलाफ आवाज उठा रहे यह है कांग्रेस नेता महेश पटेल जिन्हें पार्टी ने वार्ड क्रमांक 1 से अपना प्रत्याशी बनाया है उसके बाद भी इनके विरोधी स्वर मुखर हैं। इनका आरोप है कि पार्टी ने इन्हें गढ़ा भेज कर बलि का बकरा बनाया है। उन्होंने 5 साल से पंडित भवानी प्रसाद वार्ड और जवाहर गंज वार्ड से मेहनत की है लेकिन उन्हें गड़ा चुनाव लड़ने भेज दिया गया जो बड़े नेताओं की एक साजिश है जिसके चलते हुए बागी तेवर अपना रहे हैं।
यदि पूर्व पार्षदों की बात करें तो उसमें सबसे प्रमुख नाम सामने आ रहा है राजेश यादव और ताहिर अली का राजेश यादव वार्ड नंबर 68 गोकुलपुर से पार्षद है और क्षेत्र में इनकी स्थिति अच्छी मानी जाती है लेकिन इनकी जगह कांग्रेस नेता आलोक मिश्रा की पत्नी वत्सला मिश्रा को कांग्रेस ने टिकट दे दी है जिसके बाद उन्होंने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है इसी तरह पूर्व पार्षद ताहिर अली नेवी ठक्कर ग्राम वार्ड से निर्दलीय फार्म भरा है यदि यह दोनों नेता चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरते हैं तो कांग्रेस के लिए यह स्थिति आसान नहीं होगी

कांग्रेस के एक और पूर्व पार्षद शाबान मंसूरी ने भी बागी तेवर दिखाए हैं । ताहिर अली और राजेश यादव खामोशी से पार्टी के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं ।वही महेश पटेल की तरह सावान मंसूरी ने भी खुलकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए सीधे मध्य विधानसभा क्षेत्र से विधायक विनय सक्सेना को ही अपनी टिकट कटने का ऐसा नहीं है कि विरोध के स्वर सिर्फ कांग्रेस से उठ रहे हो भाजपा में भी विरोधियों की कोई कमी नहीं है जो चुपचाप फार्म जमा करके पार्टी नेताओं पर टिकट बदलने का दबाव बना रहे हैं।