जबलपुरमध्य प्रदेश

ओएफबी से अलविदा सत्य मेव जयते का राजचिन्ह उच्चाधिकारी से कर्मचारी तक ने मनाया काला दिवस रहे भूखे

जबलपुर यशभारत। आजादी के पूर्व से ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाई आयुध निर्माणी काशीपुर से लेकर अब तक की स्थापित 41 आयुध निर्माणियां रात 12 बजे के बाद से 7 आयुध निगमों में तब्दील हो गई। इसके साथ ही ओएफबी अलविदा होकर अतीत में चला गया। उसके माथे पर सजने वाला तीन शेरों के साथ सत्य मेव जयते वाला राजचिन्ह उतार लिया गया। अधिकांश फैक्ट्रियों मे रात्रि में ही संबंधित निगमों के बोर्ड लगा दिये गए। इधर दूसरी ओर 220 वर्ष पुरानी धरोहर के मिटने से दुखी चाहे उच्चाधिकारी हो या सबसे छोटा कर्मचारी सबने इसे काला दिवस निरूपित करते हुए दोपहर का भोजन बहिष्कार कर उपवास रखा।

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ए आई डी ई एफ और बीपीएमएस के साथ सिड्रा मे शामिल ग्रुप बी राजपत्रित अराजपत्रित अधिकारी संघ क्लेरिकल एसोसिएशन सुपरवाइजर एसोसिएशन के साथ यू पी एस सी से चुने गये ग्रेड वन अधिकारियों के आई ओ एफ एस एसोसिएशन ने भी गुरुवार की शाम को एक अक्टूबर को काला दिवस मानते हुए सभी ने भोजन बहिष्कार कर उपवास रखा।दूसरी ओर आईं एन डी डब्ल्यू एफ(इंटक) ने भी आज का दिन शोक दिवस के रूप में मनाया।अनेक जगहों पर कर्मचारियों ने काले कपड़े पहने तो किसी ने काला फीता बांध कर काम किया।

 

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निगमीकरण को रद्द करने के लिए कल शाम तक अनेक संगठनों ने प्रधानमंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक आखिरी आखिरी तक पुनर्विचार की अपील और दलील दी।लेकिन सरकार अपने नीतिगत निर्णय पर कायम रही।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ आयुध निर्माणियों के निगमीकरण को अमलीजामा पहनाने के साथ आयुध फैक्ट्रियों को 7 निगमों मे अवतरित कर दिया।

संगठनों द्वारा घोषित काला दिवस और भोजन बहिष्कार के साथ शोक दिवस का असर शहर की चारों निर्माणियों मे नजर आया।
उल्लेखनीय है कि सुरक्षा कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए सरकार ने पहले ही संसद में आवश्यक सुरक्षा सेवा अधिनियम पारित करवा लिया।लिहाजा निर्माणियों मे नारेबाजी प्रदर्शन द्वार सभा आदि नहीं हुए।

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