एक करोड़ की फिरौती के लिए किया लोको पायलट का अपहरण, फिर हत्या, पुलिस ने सुलझाई अंधे हत्याकांड की गुत्थी, दोस्त ने रची थी अपहरण की साजिश

कटनी, यशभारत। सतना में पदस्थ लोको पायलट के अपहरण और हत्या के मामले में कटनी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन ने बताया की 21 दिसंबर को गढ़ी मलहरा छतरपुर निवासी वीरेंद्र कुमार चौरसिया ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनका 35 वर्षीय पुत्र जितेंद्र सतना में रेलवे लोको पायलट के पद पर पदस्थ है। वह अपने बचपन के दोस्त धर्मेन्द्र चौरसिया के साथ बोलेरो से घूमने निकला था। कटनी के बाद उसका पता नहीं चल रहा। पुलिस ने जब जितेंद्र की पत्नी से जानकारी ली तो उसने बताया कि जब उसने पति के दोस्त धर्मेन्द्र से बात की तो उसने बताया कि वह जितेंद्र को कटनी रेलवे स्टेशन में छोडक़र जबलपुर चला गया था, उसके बाद जितेंद्र कहां गया उसे नहीं पता। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली पुलिस ने परिजनों की शिकायत के आधार पर जितेंद्र की गुमशुदगी दर्ज की और तलाश शुरू की। जितेंद्र की तलाश में पुलिस ने स्टेशन के पास सीसीटीवी कैमरे की फुटेज एवं दुकानदारों से जानकारी ली की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने जितेंद्र के दोस्त धर्मेन्द्र से सख्ती से पूछताछ की। पहले तो धर्मेन्द्र पुलिस को गुमराह करता रहा इसके बाद पुलिस ने जब शिकंजा कसा तो धर्मेन्द्र टूट गया और उसने पूरी सच्चाई उगल दी। धर्मेन्द्र ने बताया कि उसके बचपन का दोस्त जितेंद्र का परिवार काफी संपन्न है। परिवार से एक करोड़ रुपए की फिरौती के लिए उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर जितेंद्र के अपहरण की साजिश रची थी। दोनों साथियों को उसने दो देशी कट्टे भी उपलब्ध कराए थे। योजना के अनुसार वह जितेंद्र को घूमने के बहाने बोलेरो से लेकर निकला था। रास्ते में उसने जितेंद्र को शराब में नशीली दवा मिलाकर पिलाई, जब वे लोग पत्ना की तरफ जा रहे थे, तभी जितेंद्र को होश आ गया और वह पूरे षडयंत्र को भांप गया तो उसने भागने का प्रयास किया। इसी बीच धर्मेंद्र ने उसके सर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी और लाश को फेंक दिया। पुलिस ने आरोपियों को छतरपुर से गिरफ्तार किया। मृतक लोको पायलट का शव भी कटनी पुलिस ने बरामद किया। पुलिस के द्वारा आरोपियों एवं पूरे प्रकरण को सतना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है।