अशोक चक्र से अलंकृत उपजेल अधीक्षक श्रीमती समता तिवारी के आकस्मिक निधन से लोग स्तब्ध, शोक की लहर, कटनी की बेटी ने बढ़ाया शहर का मान
कटनी। प्रतिष्ठित समाजसेवी रहे पंडित मोहन तिवारी जी की सुपुत्री ऊर्जावान अधिकारी श्रीमती समता दुबे तिवारी का गुरुवार की शाम आकस्मिक निधन हो गया है। उनके निधन की खबर मिलने के बाद बड़ी संख्या में शुभचिंतकों और स्नेहीजनों ने निवास पर पहुंचकर शोक संवेदनाएं व्यक्त की। श्रीमती समता (तिवारी) दुबे ने 25 वर्ष पूर्व कटनी शहर का नाम गौरांवित किया था, जब उप जेल अधिकारी के रूप में मध्यप्रदेश शासन में चयन हुआ था और भोपाल में पदस्थापना हुई थी। कटनी शहर के हृदय स्थल गर्ग चौराहा निवासी कांग्रेस के वर्षों वर्ष जिला महामंत्री रहे स्व. पंडित मोहन तिवारी जी की सुपुत्री समता तिवारी जी का जब उप जेलर के पद पर चयन हुआ था और बधाई देने का तांता गर्ग चौराहा में लग गया था, तब कटनी शहर हर्षित और गौरांवित महसूस कर रहा था। कई सालों तक मध्यप्रदेश शासन जेल विभाग में अपनी सेवाएं दे रही श्रीमती समता तिवारी दुबे की प्रारंभिक शिक्षा इंग्लिश मीडियम मिशन स्कूल कटनी में हुई। वे शुरू से ही होनहारछात्रा रहीं।
श्रीमती समता तिवारी दुबे बहुत ही सहज, सरल एवं कटनी जिले में महिलाओं को प्रेरणादायक व्यक्तित्व एवं प्रभावशील महिला थी, जिन्होंने हमेशा शहर की ऊर्जावान छात्राओं के हित में उन्हें बेहतर भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया।
शहर की बेटी समता का विवाह पुलिस विभाग में पदस्थ निरीक्षक श्री संजय दुबे से हुआ और उनके दो जुड़वा पुत्र है। उन्होंने अपनी बात दृढ़ता से रखने का संस्कार अपने पिता पंडित मोहन तिवारी से सीखा। वे कटनी जिले की एकमात्र बेटी है जिन्हें अपने कंधे पर अशोक चक्र लगाने का सम्मान सरकार ने दिया था।
कटनी शहर को सम्मान दिलाने वाली शहर की बेटी श्रीमती समता तिवारी दुबे के आकस्मिक निधन से छोटे भाई पंडित प्रमोद तिवारी टिंकू, मनोज तिवारी एवं बहनोई श्री धर्मेंद्र तिवारी पटवारी एवं पंडित प्रमोद तिवारी के साले पंडित राजेश तिवारी “राजू भैया” अमकुही का पूरा परिवार शोकाकुल है।
कटनी जिले की महिलाओं को सम्मान दिलाने वाली श्रीमती समता तिवारी दुबे को पंडित प्रमोद तिवारी टिंकू भैया के निवास तिलक कॉलेज रोड पर 27 सितंबर प्रातः 11 बजे से भावभीनी श्रद्धांजलि दी जाएगी। उसके उपरांत 12 बजे पूरे सम्मान के साथ उनकी अंतिम यात्रा प्रारंभ होगी। अंतिम संस्कार नदी पार स्थित मुक्तिधाम में किया जाएगा।
*विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति।*