अब माध्यमिक स्कूल हुए गुलजार : पहले दिन कम रही बच्चों की उपस्थिति

जबलपुर, यशभारत। करीब डेढ़ साल के बाद 6वीं से लेकर 12वीं तक की क्लास के लिए आज बुधवार यानी 1 सितंबर से स्कूल खुल गए। हालांकि 50 प्रतिशत की क्षमता से ही क्लास लगाने के निर्दश के कारण एक बच्चा सप्ताह में तीन ही क्लास अटेंड कर सकेगा। लेकिन इस दौरान शाला खुलने के बाद कहीं एक तो कहीं दो बच्चे ही स्कूल पहुंचे। इतना ही नहीं कहीं-कहीं तो स्थिति यह बनी कि स्टाफ भी सही समय पर नहीं पहुंचा।
कई दिनों से बच्चे घर पर रहते हुए अपनी कक्षा और शिक्षकों को याद कर रहे हैं। कक्षा में बैठकर एक साथ अध्ययन करना, स्कूल में जाकर अपने दोस्तों के साथ मिलना। ये सभी पल हर एक बच्चे के लिए खास होते हैं। आज यानि एक सितंबर से माध्यमिक स्कूल भी शासन के निर्देशानुसार खोले गए। स्कूल के खुलते ही बच्चे खुशी-खुशी स्कूल पहुंचे और अध्ययन कार्य किया। इस मौके पर बच्चों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। छोटे बच्चों की चहल पहल से स्कूल परिसर एक बार फि र गुलजार हो उठा। स्कूल पहुंचने वाले छोटे बच्चे भी अपने साथ अभिभावकों का सहमित पत्र लेकर पहुंचे। यहां पर उनकी सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए। शाला पहुंचते ही बच्चों ने हाथों को सैनिटाइज किया और मास्क लगाकर ही कक्षा में प्रवेश किया। इस अवसर पर शिक्षकों को ही संतुष्टि हुए की आखिरकार बच्चे स्कूल आने लगे।
पूरी सुरक्षा के साथ शुरु करवाई गई पढ़ाई
शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक शाला राइट टाउन, जबलपुर की शिक्षिका मेघा खत्री ने बताया कि परिजन बिल्कुल भी ना घबराएं, बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ पढ़ाई कराई जाएगी। स्कूल शासन की शर्तों के अनुसार खोल दिए गए हैं। तो वहीं अन्य शिक्षकों ने बताया कि पहले दिन बच्चों की संख्या कम है। क्योंकि स्कूल में वहीं बच्चे प्रवेश कर सकते हैं, जिनके पास अभिभावकों का लिखा हुआ सहमति पत्र है। बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए उनके अभिभावकों से संपर्क किया जा रहा है। उन्हें सुरक्षा के लिए की गईं तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं से अवगत कराया जा रहा है ताकि वे बच्चों को स्कूल भेज सकें। संख्या धीरे-धीरे बढऩे की संभावना है। कक्षा में एक डेस्क पर एक ही बच्चे को मास्क लगाकर बैठाया गया है। प्रार्थना के लिए बच्चों को एकत्र नहीं किया गया, लेकिन कक्षा में बच्चों ने पहला दिन ईश्वर को याद करके ही शुरू किया।