जबलपुरमध्य प्रदेश

विद्युत विभाग की योजना अपार सौभाग्य योजना का बंटाधार: 900 करोड़ का काम 44 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार

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जबलपुर, यश भारत। मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी हमेशा ही अपनी कर प्रणाली को लेकर सुर्खियों में बनी ही रहती है ताजा मामला प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) का है जिसमें दूर दराज के गांव में बिजली पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की प्रभावी उक्त योजना में 900 करोड़ का काम किया गया इतना ही नहीं समय सीमा में रहते हुए काम करने पर अनेक अधिकारियों को पुरस्कार भी बांटे गए लेकिन शिकायतों के बाद जब जांच बैठी तो दायरे में 16 अफसर आ गए हैं। जो विभिन्न जिलों में पदस्थ हैं और अनेक तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं इनके खिलाफ कंपनी ने कार्रवाई के आदेश कर दिए है। जो सेवा में हैं उनकी सेवा समाप्ति और जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं उनकी पेंशन में हर माह निर्धारित कटौती से नुकसान की भरपाई के आदेश हुए है। अभी कंपनी की जांच जारी है

 

जानकारी अनुसार शेष 87 अधिकारियों की जांच अभी जारी है। इसके बाद विभाग में हड़कंप की स्थिति हैl

 

ये अधिकारी मंडला, सीधी, डिंडौरी, सिंगरौली, सागर, रीवा और सतना जिले में पदस्थ रहे। इस घोटाले में कंपनी को 44 करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा था। जांच के दौरान 30 करोड़ रुपये की वसूली कंपनी ने ठेका कंपनियों से की। शेष 14 करोड़ की वसूली की प्रक्रिया चल रही है। ठेका कंपनियों द्वारा इस राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है इसलिए कार्यरत व सेवानिवृत्त अधिकारियों से इसकी वसूली की जाएगी। जिन पर आरोप सिद्ध हो चुके हैं, उनमें अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता स्तर के कई अधिकारी शामिल हैं।

 

यह है पूरा मामला

वर्ष 2018 में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत हुए प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) का काम पूरा हुआ। कंपनी क्षेत्र में करीब 900 करोड़ रुपये का काम किया गया। इसमें दूर दराज के बिजली विहीन गांव, मजरे, टोलों में इन्फ्रस्ट्रक्चर खड़ा कर बिजली पहुंचाना था। केंद्र सरकार की इस योजना में समय सीमा में काम करने पर अभियंताओं को पुरस्कार भी बांटा गया।

 

ठेकेदारों को मनमाने तरीके से काम बांटा

अभियंता अपने-अपने क्षेत्र में तेजी से काम करवाने के लिए ठेकेदारों को मनमाने तरीके से काम बांटा। कई कार्य बिना निविदा निकाले ही दिए गए। काम का भौतिक सत्यापन कराए बगैर ही ठेकेदारों को भुगतान हुआ। डिंडौरी और मंडला में सबसे पहले सौभाग्य योजना में घोटाले की शिकायत हुई। जहां पर कई अनियमिततता मिली। उस वक्त प्रदेश में तत्ताकालीन कमल नाथ सरकार ने इस मामले की जांच शुरू कर करवाई।

 

 

सौभाग्य योजना में सात जिलों में 44 करोड़ रुपये बिना कार्य के ठेकेदारों को भुगतान होने के तथ्य जांच में मिले। इसके बाद ठेकेदारों से अतिरिक्त भुगतान की राशि की वसूली के आदेश पूर्व में हुए थे। जांच के दौरान 30 करोड़ रुपये की वसूली कंपनी ने ठेका कंपनियों से की। शेष 14 करोड़ की वसूली की प्रक्रिया चल रही है।

 

इन्होंने कहा….

सौभाग्य योजना में शिकायत के बाद कार्रवाई हुई है आगे की कार्रवाई शेष अफसर पर जारी हैl

संजय अरोरा, अधीक्षण अभियंता

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