कटनीमध्य प्रदेश

कब तक प्यासा रहेगा जिले का ये गांव…चट्टानों से निकल रहे बूंद-बूंद पानी से प्यास बुझा रहे ग्रामीण, बहोरीबंद विधानसभा के ग्राम खुसरा के हाल-बेहाल

यश भारत की रिपोर्ट

कटनी, यशभारत। जिले के बहोरीबंद विधानसभा के रीठी क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत नेगवा के अंतर्गत ग्राम खुसरा में पानी को लेकर यहां के निवासी हर रोज खतरों से खेलते है।  लगभग 400 से 500 की आवादी वाले इस गांव में करीव 40 परिवार निवासरत है। ग्रामीण पानी की गंभीर समस्या से कई वर्षों से जूझ रहे है ऐसा नही यहां बोर नही हुए लेकिन वो भी फेल हो गए जिससे क्षेत्र में पानी को लेकर हाहाकार मचा रहता है। पहाड़ी पर बसे इस क्षेत्र के लोग पानी की समस्या के शासन से नाराज है। अब तो ये लोग पानी मिलने की उम्मीद भी छोड़ चुके है। लेकिन पुरखों के द्वारा बनाये घरोंदों को छोडऩा नहीं चाहते।

पहाड़ में ही स्थित शंकर भगवान के मंदिर के नीचे से टपक रहे बूंद बूंद पानी से अपनी  प्यास बुझा रहे लोगो ने बताया गांव की पहाड़ी की चट्टान पर एक शंकर जी का वर्षों पुराना मंदिर बना हुआ है उसी मंदिर के नीचे से चट्टान के बीच में से बूंद बूंद पानी रिस्कर इकट्ठा होता है वह पानी हम लोगों के लिए अमृत है और सुबह 3 बजे से ही रोजाना क्षेत्र की महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे बच्चियों डब्बा लेकर पानी की तलाश पर चट्टान पहुंच जाते हैं वहां से रेस रहे अपनी कोई एकत्रित का डब्बे में ले जाकर उसे जीवन यापन करते हैं।

नहीं मिला शासन की योजनाओं का लाभ

जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर रीठी क्षेत्र के ग्राम नेगमा के लिए जंगल के बीच कच्ची सडक़ ही से लोग आवागमन करते हैं।बरसात के दिनों में तो यहाँ के निवासी बड़ी यातनाएं झेल कर गांव तक पहुँच पाते है। आश्चर्य शासन की विभिन्न योजनाओं के बीच इस गांव के लोग प्यास बुझाने के जान जोखिम में डालकर पानी का एकत्रित कर रहे हैं। हर रोज गांव के लोग   पानी के डब्बों की लाइन लगाते है। क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी पानी के लिए कतार में है। एक बच्ची कुसुम ने बताया कि वह अपनी मौसी के यहां आई हुई है और वह अपनी मौसी के साथ उसे चट्टान पर पहुंचकर पानी एकत्रित कर रही है। वही वहां उपस्थित महिलाओं मैं से सुमन ने बताया कि वह जब से शादी होकर आई है तब से ही इसी तरह से पानी निकाल कर अपना जीवन काट रही है।  एक अन्य महिला रजनी ने बताया जनप्रतिनिधि आते हैं वोट मांगते हैं चले जाते हैं जब पानी की समस्या होती है तो कोई भी सुनने वाला नहीं है इसी तरह हम अपना जीवन काट रहे हैं।

समस्या विकराल हैं…

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के जानकारी में समस्या विकराल हैंण्ण्! फिर भी समस्या के समाधान पर गंभीरता नही हैं।  केवल पानी के टैंकर ही हैं जो काहे बगाहे गांव भेज दिए जाते है। लेकिन कोई वैकल्पिक व्यवस्था अव भी नही है।

इनका कहना है

समस्या गंभीर है। इस गांव के अलावा भी ऐसे 30 से अधिक गांव है, जहां पानी की विकराल समस्या इन दिनों है। ऐसे जिला प्रशासन के द्वारा टैंकरों से पानी सप्लाई कराया जाता है।  भविष्य की योजना में  नहर का पानी गांव तक लाने का कार्य किया रहा है।

-प्रदीप मिश्रा, एसडीएम कटनीकटनी, यशभारत। जिले के बहोरीबंद विधानसभा के रीठी क्षेत्र में स्थित ग्राम पंचायत नेगवा के अंतर्गत ग्राम खुसरा में पानी को लेकर यहां के निवासी हर रोज खतरों से खेलते है। लगभग 400 से 500 की आवादी वाले इस गांव में करीव 40 परिवार निवासरत है। ग्रामीण पानी की गंभीर समस्या से कई वर्षों से जूझ रहे है ऐसा नही यहां बोर नही हुए लेकिन वो भी फेल हो गए जिससे क्षेत्र में पानी को लेकर हाहाकार मचा रहता है। पहाड़ी पर बसे इस क्षेत्र के लोग पानी की समस्या के शासन से नाराज है। अब तो ये लोग पानी मिलने की उम्मीद भी छोड़ चुके है। लेकिन पुरखों के द्वारा बनाये घरोंदों को छोडऩा नहीं चाहते।
पहाड़ में ही स्थित शंकर भगवान के मंदिर के नीचे से टपक रहे बूंद बूंद पानी से अपनी प्यास बुझा रहे लोगो ने बताया गांव की पहाड़ी की चट्टान पर एक शंकर जी का वर्षों पुराना मंदिर बना हुआ है उसी मंदिर के नीचे से चट्टान के बीच में से बूंद बूंद पानी रिस्कर इकट्ठा होता है वह पानी हम लोगों के लिए अमृत है और सुबह 3 बजे से ही रोजाना क्षेत्र की महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे बच्चियों डब्बा लेकर पानी की तलाश पर चट्टान पहुंच जाते हैं वहां से रेस रहे अपनी कोई एकत्रित का डब्बे में ले जाकर उसे जीवन यापन करते हैं।
नहीं मिला शासन की योजनाओं का लाभ
जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर रीठी क्षेत्र के ग्राम नेगमा के लिए जंगल के बीच कच्ची सडक़ ही से लोग आवागमन करते हैं।बरसात के दिनों में तो यहाँ के निवासी बड़ी यातनाएं झेल कर गांव तक पहुँच पाते है। आश्चर्य शासन की विभिन्न योजनाओं के बीच इस गांव के लोग प्यास बुझाने के जान जोखिम में डालकर पानी का एकत्रित कर रहे हैं। हर रोज गांव के लोग पानी के डब्बों की लाइन लगाते है। क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी पानी के लिए कतार में है। एक बच्ची कुसुम ने बताया कि वह अपनी मौसी के यहां आई हुई है और वह अपनी मौसी के साथ उसे चट्टान पर पहुंचकर पानी एकत्रित कर रही है। वही वहां उपस्थित महिलाओं मैं से सुमन ने बताया कि वह जब से शादी होकर आई है तब से ही इसी तरह से पानी निकाल कर अपना जीवन काट रही है। एक अन्य महिला रजनी ने बताया जनप्रतिनिधि आते हैं वोट मांगते हैं चले जाते हैं जब पानी की समस्या होती है तो कोई भी सुनने वाला नहीं है इसी तरह हम अपना जीवन काट रहे हैं।
समस्या विकराल हैं…
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के जानकारी में समस्या विकराल हैंण्ण्! फिर भी समस्या के समाधान पर गंभीरता नही हैं। केवल पानी के टैंकर ही हैं जो काहे बगाहे गांव भेज दिए जाते है। लेकिन कोई वैकल्पिक व्यवस्था अव भी नही है।
इनका कहना है
समस्या गंभीर है। इस गांव के अलावा भी ऐसे 30 से अधिक गांव है, जहां पानी की विकराल समस्या इन दिनों है। ऐसे जिला प्रशासन के द्वारा टैंकरों से पानी सप्लाई कराया जाता है। भविष्य की योजना में नहर का पानी गांव तक लाने का कार्य किया रहा है।
-प्रदीप मिश्रा, एसडीएम कटनी

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