भोपालमध्य प्रदेश

आबकारी अधिकारी आलोक खरे के खिलाफ लोकायुक्त ने चार्जशीट की दायर

आबकारी अधिकारी आलोक खरे के खिलाफ लोकायुक्त ने चार्जशीट की दायर

भोपाल, यशभारत। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, लोकायुक्त संगठन, भोपाल इकाई ने सहायक आबकारी आयुक्त आलोक खरे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) में अभियोग पत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया है। छह साल तक चली लंबी जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।

150 करोड़ की बेनामी संपत्ति का हुआ था खुलासा

यह मामला 2019 में तब सामने आया था जब लोकायुक्त ने भोपाल, इंदौर, रायसेन और छतरपुर समेत आलोक खरे के सात ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। छापों में 150 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति का चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। लोकायुक्त ने नकदी, सोना, फार्महाउस, बंगले और पेंटहाउस के दस्तावेज जब्त किए थे, जिसमें तीन किलो सोना भी शामिल था।

जांच में पत्नी भी शामिल, फर्जीवाड़ा उजागर

लोकायुक्त की जांच में पाया गया कि आलोक खरे ने अपनी ज्ञात वैध आय स्रोतों की तुलना में काफी अधिक चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। जांच पूरी होने के बाद, लोकायुक्त ने आलोक खरे के साथ-साथ उनकी पत्नी मिनाक्षी खरे को भी आरोपी बनाते हुए अदालत में अभियोग पत्र दायर किया है।

मुख्य बरामदगियाँ और अनियमितताएँ:

भोपाल के चुनाभट्टी और बाग मुगालिया में दो आलीशान बंगले।

कोलार में फार्महाउस की जमीन।

रायसेन जिले में दो फार्महाउस के दस्तावेज।

जांच में सामने आया कि खरे की पत्नी द्वारा आयकर विवरण में इन संपत्तियों से होने वाली आय को फलों की खेती से दिखाया गया था। हालांकि, परिवहन के लिए जिन ट्रकों के नंबर दर्ज थे, वे असल में ऑटो रिक्शा के नंबर पर पंजीकृत पाए गए, जिससे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

आलोक खरे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 12, 13(1)(B), 13(2) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। सरकार ने 2024 में उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दी थी, जिसके बाद यह चार्जशीट दाखिल की गई है।आबकारी अधिकारी आलोक खरे के खिलाफ लोकायुक्त ने चार्जशीट की दायर

 

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