अवैध उत्खनन के चलते समाप्त हो रहा है माढ़ोताल तालाब का स्वरूप

मांझी, रैकवार समाज का अनिश्चितकालीन धरना, मौके पर पहुंचे विधायक विनय सक्सेना
जबलपुर।
दीनदयाल चौक स्थित माढोताल तालाब जिसमें परंपरागत् मांझी समुदाय के 70-80 परिवारों के द्वारा मछलीपालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन कर अपना आजीविका चलाते हैं। वर्षा काल की इस निकट समय में तालाब का अवैध उत्खनन करने वालों द्वारा तालाब का स्वरूप समाप्त किया जा रहा है, जिससे मांझी समुदाय एवं क्षेत्रीय नागरिकों में भीषण अंसतोष व्याप्त हैं ।
समाप्त हो रहा तालाब का स्वरूप
क्षेत्रीय जनों ने आरोप लगाया कि उक्त अवैध उत्खनन में तालाब का स्वरूप पूर्णत् समाप्त किया जा रहा हैं, खुदाई से ऐसा प्रतीत होता हैं, कि शासन प्रशासन के सक्षम अधिकारियों से कोई स्वीकृति सहमति नहीं ली गई हैं, इसलिये माइनिंग विभाग से जांच कराया जाना आवश्यक है।
मांझी समुदाय की आजीविका का सवाल
समुदाय का कहना है कि मांझी समुदाय के 70-80 परिवारों के द्वारा किये गये बीजारोपण को सुरक्षित स्थान ले जाने के लिये किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई। और गोपनीय ढंग से अवैध उत्खनन प्रारंभ कर क्षति पंहुचाई गई, इस विषय की जांच करायें।
बड़ी दुर्घटना होने की संभावना
प्रशासन पर आरोप लगाते हुए स्थानीय जनता बोली अवैध उत्खनन की गहराई इतनी हैं, कि भविष्य में किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि होना संभावित हैं। बारिश आते ही इन स्थानों पर पानी भर रहा है जिसके कारण बच्चे और जानवरों के साथ बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी है
मौके पर पहुंचे विधायक
स्थानीय जनों के अनिश्चितकालीन धरने पर आज विधायक विनय सक्सेना पहुंचे और उनके द्वारा लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद करते हुए इस मामले से अवगत कराया और जल्द से जल्द कार्रवाई करवाने की बात कही। विधायक का कहना है कि निगम के कुछ अधिकारी और ठेकेदारों के साथ मिलकर अवैध उत्खनन करके मिट्टी पास ही स्थित पार्क और पटाखा बाजार भेजी जा रही है। जिसके चलते विभिन्न घरों की आजीविका समाप्त हो रही है। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को इस मामले से अवगत करा दिया गया है।
करोड़ों की हार्ड मुरूम का अवैध उत्खनन
स्थानीय निवासी व युवा कांग्रेस के पूर्व सचिव राजा रैकवार बताते हैं कि 70-80 परिवारों के द्वारा मछलीपालन एवं सिंघाड़ा उत्पादन कर अपना आजीविका चलाते हैं। और पूरा तालाब खुदाई करके अवैध उत्खनन करते जा रहे हैं जिससे इस समाज की आजीविका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।अब तक करोड़ों की अवैध मुरूम निकाली जा चुकी है।।