युवा कांग्रेस में बदलाव के संकेत: नए दौर की शुरुआत की तैयारी
प्रदेश संगठन में कसावट लाने की कवायद, डिजिटल माध्यम से होंगे चुनाव

जबलपुर, यश भारत। मध्य प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से संगठनात्मक शिथिलता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अब पार्टी नेतृत्व ने इस ढीलेपन को दूर करने के लिए एक बार फिर कमर कस ली है। खासतौर पर युवक कांग्रेस को लेकर एक नई पहल की जा रही है, जिसमें बड़े बदलाव के संकेत मिले हैं।

सूत्रों के अनुसार, युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भोपाल में हाल ही में हुई बैठकों में यह स्पष्ट संकेत दिए हैं कि आगामी समय में युवक कांग्रेस के चुनाव ऑनलाइन एप के माध्यम से कराए जाएंगे। इस प्रक्रिया में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक के चुनाव शामिल होंगे। पार्टी का मानना है कि इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी और युवाओं की सीधी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।
नगर व ज़िला अध्यक्षों की भूमिका में भी हो सकते हैं बदलाव
प्रदेश स्तर पर चल रही चर्चाओं के मुताबिक, कई नगर व ज़िला अध्यक्षों को बदले जाने की योजना पर भी विचार चल रहा है। समय-समय पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा पंचायत और मोहल्ला स्तर तक कमेटियां गठित करने की बातें सामने आती रही हैं, लेकिन अमल में कमी रही है। अब यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि यह डिजिटल बदलाव जमीन पर किस हद तक असर डालता है।
एक दौर था जब युवक कांग्रेस की तूती बोलती थी
अगर इतिहास की बात करें तो युवक कांग्रेस का कभी प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में खासा प्रभाव रहा है। नगर और जिला अध्यक्षों का रुतबा किसी विधायक से कम नहीं होता था। आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, रामेश्वर नीखरा जैसे कई नाम आज भी इस संगठन की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में युवक कांग्रेस की सक्रियता में स्पष्ट गिरावट आई है। भले ही पदाधिकारी मौजूद हैं, लेकिन उनमें पहले जैसी राजनीतिक धार नहीं दिखाई देती। अब कांग्रेस नेतृत्व उसी धार को वापस लाने की कोशिश कर रहा है।
क्या नया बदलाव लौटा पाएगा पुराना जलवा?
राहुल गांधी और युवा नेतृत्व की ये नई पहल किस हद तक सफल होगी, यह आने वाला समय बताएगा। लेकिन इतना तय है कि यदि यह डिजिटल प्रक्रिया पारदर्शिता और युवाओं की भागीदारी को सच में बढ़ा सकी, तो यह युवक कांग्रेस के पुनरुत्थान की दिशा में एक निर्णायक कदम हो सकता है।