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किसानों से ली जा रही तुलाई, धर्म कांटे से अंदर हो रहा गेहूं आरछा समिति के सरिता स्टोरेज केंद्र का मामला

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किसानों से ली जा रही तुलाई, धर्म कांटे से अंदर हो रहा गेहूं आरछा समिति के सरिता स्टोरेज केंद्र का मामला

जबलपुर,यश भारत। समर्थन मूल्य पर चल रही गेहूं की खरीदी में किसानों से अपनी उपज बेचने के एवज में तुलाई के नाम पर पैसे मांगने का मामला सामने आया है जिसको लेकर बड़ी संख्या में केंद्र के बाहर किसानों ने जमकर हंगामा किया और मामले की शिकायत अधिकारियों से करी। पाटन की आरछा समिति के अंतर्गत पड़रिया ग्राम के सरिता वेयरहाउस को गेहूं खरीदी के लिए प्रशासन द्वारा आवंटित किया गया है जहां पर बुधवार को किसान अपनी उपज बेचने के लिए पहुंचे इस दौरान समिति के सदस्यों के द्वारा किसानों से प्रति क्विंटल 34 रुपए की मांग की गई और सर्वेयर भी पैसे की मांग करता हैं जिस बात का किसानों ने विरोध किया पर वहां मौजूद समिति के सदस्यों द्वारा किसानों की एक न सुनी किसानों ने जिम्मेदार अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी गई।

ले रहे अतिरिक्त बजन

किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा बिना किसी खर्च के समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है परंतु केंद्र में उपस्थित लोगों द्वारा जबरन किसानों से तुलाई के नाम पर पैसों की वसूली की जाती है वही गेहूं की तुलाई का वजन 51 किलो 200 ग्राम की जा रही है। पल्लेदारी  एब गेहूं बेयर हाउस के अंदर तक रखने के कुंटल पर 35 से 40 रूपए लिए जा रहे हैं। जबकि नियम अनुसार किसानों से 50 किलो 650 ग्राम वजन लिया जाना चाहिए और साथ ही तुलाई और स्टैकिंग का कोई भी पैसा नहीं लिया जाना चाहिए।

धर्म कांटे का ले रहे बजन

किसानों का कहना है कि उनके द्वारा जो गेहूं लाया जा रहा है पहले तो उसे छोटे कांटे पर तोला जाता है और फिर उसके बाद उसे ट्राली में लोड करके गोदाम में ले जाया जाता है लेकिन उसके पहले धर्म कांटे पर उसका फिर से बजन किया जाता है और जो धर्म कांटे का वजन आता है उतनी ही वजन कि उन्हें पर्ची दी जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि नियम के अनुसार जब भी छोटे कांटे पर बजन हो चुका है तो फिर बड़े कांटे का वजन क्यों माना जा रहा है। जबकि दोनों ही कांटों के वजन में दो से तीन कुंटल का फर्क आता है।

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