VIDEO- नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के सामने किसी सह पर जम गए अतिक्रमण, पूर्व कलेक्टर ने खड़े होकर हटवाए थे
मुख्य गेट के बाहर आटो की धमाचौकड़ी, एम्बुलेंसों को खड़ा होना पड़ता घंटों
जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल के बाहर मधुमक्खी के छत्ते की तरह अतिक्रमण कर लिया गया है। गेट के मुख्यद्वार में चाय-पान के टपरों से यहां से गुजरने वाले लोगों की मुसीबत खड़ी कर दी है। घंटों जाम लगा रहता है, मरीजों को अस्पताल लेकर पहुंचने वाली एम्बुलेंस चालकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल मुख्य गेट के बाहर जमे अतिक्रमणों को हटाने की मुहिम तत्कालीन कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने शुरू की थी, खुद कलेक्टर ने खड़े होकर चाय-पान के टपरों को अलग कराया था। लेकिन आश्चर्य की बात है कि कलेक्टर के तबादला होते ही अतिक्रमणकारियों ने फिर से चाय-पान के टपरों को जमा लिया है। सवाल ये उठता है कि अतिक्रमण हटने के बाद फिर किसी सह पर दोबारा अतिक्रमण जम गए, क्यों नगर निगम द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाए गए।
गुरंदी बाजार नजर आता है मेडिकल अस्पताल के बाहर
बेखौफ होकर मेडिकल अस्पताल के बाहर अतिक्रमण कर लिया गया है। मेडिकल अस्पताल की सूरत ही बिगाड़ दी गई है, सुबह हो या शाम पूरे समय मेडिकल अस्पताल के बाहर ऐसा लगता है जैसे गुरंदी बाजार हो।
तार की बाउंड्रीबॉल होने के बाद भी अतिक्रमण
अतिक्रमणकारियों किस तरह से हौंसले बुलंद है अंदाजा लगाया जा सकता है कि तत्कालीन कलेक्टर ने मेडिकल की दीवार से सटकर लगने वाले चाय-पान और अन्य दुकानों को अलग कर तार की बाउंड्रीबॉल खिंचवा दी थी बाबजूद अतिक्रमणकारियों ने तार वाले स्थान को को छोड़कर बीच सड़क में अपनी-अपनी दुकानें लगाना शुरू कर दिया।
सड़कों पर सज रही स्थायी दुकानदारों की दुकानें
मेडिकल मुख्य के अलावा स्थायी दुकानदार भी जमकर अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। सभी ने अपनी-अपनी दुकानों की अस्थायी छत सड़क तक लाकर खड़ी कर दी है। आधी से ज्यादा दुकानें सड़कों पर लग रही है। हैरानी इस बात पर है कि मेडिकल के मुख्य गेट से लेकर अन्य स्थानों पर हुए अतिक्रमण की जानकारी नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को होने के बाबजूद इनके द्वारा अतिक्रमणों को हटाया नहीं गया है।
नगर निगम और महापौर को पत्र लिखा है
मेडिकल अस्पताल के सहायक अधीक्षक ने नगर निगम और महापौर को एक पत्र भेजा है जिसमें मुख्य गेट के बाहर हुए अतिक्रमणों को हटाने की मांग रखी गई है। मेडिकल प्रबंधन का कहना है कि अतिक्रमणकारियों से अनेक बार मौखिक रूप से दुकानें हटाने को कहा गया है लेकिन वह उल्टा लडऩे पहुंच जाते हैं। यहां तक कि मेडिकल अस्पताल के अधिकारियों को देख लेने की धमकी तक देते हैं।
फोटो कापी और चाय-समोसे की दुकानें बीच सड़क पर
बताया जा रहा है कि मेडिकल मुख्य गेट के बाहर एक फोटो कापी और चाय-समोसे की दुकान बीच सड़क पर संचालित हो रही है। इनके दोनों दुकानों को देखकर अन्य दुकानें भी सड़क पर लग रही है। मेडिकल प्रबंधन का कहना है कि मरीज के परिजनों को पकड़-पकड़ कर खरीदी के लिए मजबूर किया जाता है। कई बार विवाद की स्थिति बनती है।