संकरी सड़कों पर वाहनों की घुसपैठ क्या कर रही यातायात पुलिस, बेरोक-टोक से कभी भी लग जाता है जाम

संकरी सड़कों पर वाहनों की घुसपैठ
क्या कर रही यातायात पुलिस, बेरोक-टोक से कभी भी लग जाता है जाम
शहर के बाजारों सराज और कमानिया गेट में निजी चार पहिया वाहनों को दिन में आने-जाने की अनुमति नहीं है। प्रवेश मार्गों पर बैरियर लगे हैं। जबकि माल वाहक वाहनों के बेरोकटोक आवागमन से दिन में कई बार जाम लगता है। इसके चावजूद पातायात पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करती। जाम से ग्राहक और कारोबारी सभी परेशान होते हैं। व्यापारियों की शिकायतों पर भी वातायात पुलिस कोई कार्रवाई नाहीं कर रही है
व्यापार और ग्राहकी पर पड़ रहा असर
इन्हीं कारणों से मुख्य बाजार व्यविस्थत नहीं हो पा रहा है। इसका असर व्यापार और ग्राहकी पर पड़ खा है। सबसे बड़ी समस्या पार्किंग को लेकर है। नगर निगम प्रशासन को ओर से बाजारों में पार्किंग के लिए स्थान चिह्नित नहीं करने से खरोदार और कारोबारी सड़क पर वाहन पार्क करते हैं। इससे दिन में कई बार जमा लगता है। पुलिस ने
आधा दर्जन प्रवेश मागों पर बैरियर लगा दिए हैं, इससे कारों को बाजार में प्रवेश नहीं मिलता। इससे ग्राहकों को परेशानी होती है।
मालवाहक वाहनों की आवाजाही दिनभर
इस बीच बाजार में मालवाहक वाहनों की आवाजाही दिनभर जारी रहती है। वे दीक्षितपुरा की ओर से
बाजार में प्रवेश कर नुनाई और सुनवाई होते हुए पमापुर की तरफ निकलते हैं। कुछ वाहन कमानिया गेट से बड़ा पुशारा, लार्डगंज और अभरदेव की तरफभी जाते हैं। बड़ी संख्या में एक जगह मालवाहक बाहनों के एकार होने पर जाम लग जाता है। ऐसे में दुपहिया वाहनों से आने वाले ग्राहक जाम में फंस जाते हैं।
स्टाफ के लिए भी नहीं मिलती जगह
व्यापारी एसेसिएशन के पदाधिकारी बाजार में पार्किंग की व्यवस्था के लिए यातायात पुलिस और नगर निगम प्रशासन से कई बार चर्चा कर चुके है। लेकिन, समस्या का निराकरण नहीं हुआ। पदाधिकारियों का कहना है कि बाजार में 500 दुकाने हैं। इनमें काम करने वाले कर्मचारी अपने वाहन लेकर आते हैं। उनके वाहनों की पार्किंग के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। उनका यह भी कहना है कि यातायात पुलिस को वन-वे का निर्धारण करते समय सभी व्यापारिक संगठनों से चर्चा करना चाहिए।