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उमा बोलीं-कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता:नारी शक्ति वंदन बिल पर कहा

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में फिर ‘माई का लाल’ की एंट्री हो गई है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। 2018 के चुनाव में ‘माई का लाल’ का मुद्दा बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बना था।

पूर्व मुख्यमंत्री भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित गौ-रक्षा सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन’ अधिनियम में ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण ना मिलने पर अपनी ही पार्टी को घेरा। उन्होंने कहा कि ये बिल पारित भले हो गया हो, लेकिन ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए बिना यह लागू नहीं हो पाएगा।

ओबीसी महिलाओं को रिजर्वेशन बिना बिल लागू नहीं हो सकता

उमा भारती ने कहा- महिला बिल पारित हो गया। अगर वो लागू हो गया होता तो मैं बीमार हो जाती। मुझे पूरी उम्मीद है कि पिछड़े वर्ग की महिलाओं को आरक्षण के साथ यह बिल लागू होगा। यह पारित भले हो गया हो, लेकिन ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दिए बिना यह लागू नहीं हो पाएगा।

उमा ने कहा कि ये महिलाएं जब पार्लियामेंट में जाएंगी, विधानसभा में बैठेंगी। तो सरकारी व्यवस्था को चैलेंज करेंगी। जो व्यवस्था है वह गरीब फ्रेंडली नहीं है।

60% ओबीसी को इग्नोर नहीं कर सकते

उमा भारती ने कहा- एससी एसटी को संवैधानिक व्यवस्था के तहत आरक्षण मिल जाएगा। सवर्ण लोगों को गरीबी के आधार पर नौकरियों में 10% आरक्षण मिल जाएगा, लेकिन ओबीसी महिलाओं को साथ लेकर उनका झुंड साथ लेकर मैं पार्लियामेंट के अंदर प्रवेश करना चाहती हूं। ये मेरी इच्छा है। सामाजिक समरता का मतलब आप 60% लोगों की ताकत को इग्नोर नहीं कर सकते। उनकी शक्ति टुकड़ों – टुकड़ों में बट गई हैं तो यह एकत्रित होकर मूर्ति बनेगी। इसकी प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह वरदान देने के योग्य बनेगी।

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