आदिवासी पहुंचे कलेक्ट्रेट कहा 75 साल से रहे वन भूमि का पटटा नहीं मिला, कोई नहीं सुन रहा है
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

जबलपुर, यशभारत। हाथ पर अंधा कानून की तख्ती, जुबान में सिस्टम के खिलाफ नारेबाजी और आक्रोशित आवाज में अपने हक के लिए चिल्ला रहे ये कोई और नहीं बघराजी कुंडम के आदिवासी है जो 75 साल से वनभूमि पर काबित है परंतु उन्हें आज तक हक नहीं मिला, वर्षों से तहसीली कार्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक ज्ञापन, शिकायतें देने के बाद भी उनकी कही सुनवाई नहीं हुई तो उन्होेंने प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव के नाम ज्ञापन कलेक्ट्रेट के अधिकारियों को सौंपा।

ज्ञापन सौंपने पहंुचे आदिवासियों ने कहा कि बघराजी वनभूमि पर पिछले 75 सालों से निवासरत है परंतु वनभूमि का पटटा नहीं मिला। इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में अपराधिक घटनाएं आदिवासियों के साथ हो रही लेकिन पुलिस सुनने की वजह उन्हें थाने से दुत्कार भगा देती है। ऐसे कई मामले जिस पर आज तक पुलिस ने कार्रवाई नहीं है। जबकि सरकार से लेकर जनप्रतिनिधि हमेशा कहते हैं आदिवासियों के उत्थान के लिए काम किया जा रहा है परंतु बघराजी में आदिवासियों की जो स्थिति है उसे देखकर कहीं ऐसा नहीं लग रहा है।
आदिवासियों ने आरोप लगााया कि विगत कुछ समय से लगातार उनके समुदाय वर्ग पर हो रहे अत्याचार, शोषण, उत्पीड़न जैसे गंभीर मामले दिन ब दिन बढ़ोतरी हो रही है। जहां एक तरफ केंद्र एवं राज्य सरकार कहती है कि आदिवासियों के विकास, उत्थान और प्रगति के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। वहीं दूसरी तरफ सरकार के प्रतिनिधियों के आदिवासियों पर अत्याचार एवं शोषण हो रहे है और इनका प्रतिशत बढ़ता ही जा रहा है तथा इसके खिलाफ ना ही पुलिरा प्रशासन इनकी शिकायत दर्ज करता है ना हो उस पर कार्यवाही होती है ना ही प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
आदिवासियों ने ज्ञापन के माध्यम से गुहार लगाते कहा कि आदिवासी वर्ग के उपरोक्त समस्याओं के निवारण हेतु ठोस कदम उठाए जाएं। जिससे हमारा आदिगसी वर्ग में स्वतंत्र रूप से विवरण कर सके और समाज में सम्मानता से रह सके। इसके साथ ही देश में आगामी होने जा रही जनगणना में शासकीय प्रपत्र में आदिवासी धर्म को पृथक से अन्य कॉलम में दर्शाया जाए।