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सर्किट हाउस चौराहे पर दर्दनाक हादसा : कार चालक ने मासूम बच्चे को कुचला, मां गंभीर. पिता और बेटी बाल बाल बचे… मच गया हड़कंप

सतना। शहर के सर्किट हाउस चौराहे पर मंगलवार की शाम कार के पहियों ने मासूम बच्चे को कुचल दिया, जिससे उसकी इलाज शुरू होने के पहले ही मौत हो गई जबकि उसकी मां घायल हो गई।

 

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की शाम लगभग पौने 6 बजे सर्किट हाउस चौराहे पर यातायात के जबरदस्त दबाव के बीच रमेश ट्रेवल्स की बस ने बाइक को टक्कर मार दी। बाइक सवार सड़क पर गिरे तो कार (UP 90 R 9766) के चालक ने लापरवाही से वाहन चलाते हुए मासूम बच्चे को कुचल दिया। इतना ही नहीं उसने स्कूटी सवार एक युवती को भी टक्कर मार दी। बाइक पर दिनेश यादव, पत्नी निशा, 6 साल का मासूम बेटा कृष्णा उर्फ अभि और 6 माह की बेटी को लेकर जा रहा था।

 

टक्कर लगते ही दिनेश की पत्नी निशा और बेटा कृष्णा सड़क पर गिर पड़े और तब ही कार के पहिए सड़क पर पड़े कृष्णा को रौंदते चले गए।

उसे बेहद गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज शुरू होने के पहले ही उसकी सांसें थम गईं। निशा को भी इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया है जबकि दिनेश और उसकी बेटी बाल-बाल बच गए। बता दें, बताया जाता है कि दिनेश अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर अपने साले के बेटे के मुंडन में अपने ससुराल टिकुरी गया था।

बताया जाता है कि सर्किट हाउस चौराहे पर सबसे पहले रमेश ट्रैवल्स की बस ने दिनेश की बाइक को टक्कर मारी और उसी वक्त आई तेज रफ्तार कार ने मासूम को रौंद दिया। बस चालक तो बस लेकर भाग निकला लेकिन कार चालक को वहां मौजूद लोगों और ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने पकड़ लिया। उसे सिटी कोतवाली ले जाया गया है। इस दौरान सड़क पर मची अफरा तफरी में एक और कार (MP19 CA 7690) भी एक ई रिक्शा से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गई।

 

यूं तो सतना शहर के सभी चौराहे बस और ऑटो – ई रिक्शों के अघोषित स्टैंड बन चुके हैं लेकिन सर्किट हाउस चौराहे पर इस स्थिति से हाल बेहाल हैं। बस और ऑटो चौराहे पर ही खड़े होकर सवारी बैठाते उतारते हैं। हालत ये है कि यहां दिन भर जाम लगा रहता है और हादसों का खतरा बना रहता है। ऐसा ही हाल सिविल लाइन चौराहे का भी है जहां ट्रैफिक सिग्नल के नीचे ऑटो खड़े होते हैं और ठेले लगते हैं। नेताओं के फ्लैक्स-पोस्टरों से सिग्नल भी नजर नहीं आते।

 

ट्रैफिक सुधार के नाम पर मूवेबल डिवाइडर रख कर हर जगह कट बंद कर दिए गए हैं जिनसे दिन पर जाम का झाम फंसा रहता है लेकिन जिम्मेदारों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। सतना की सड़कों को प्रयोगशाला बना कर छोड़ दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस न कभी इस स्थिति पर रोक लगा पाई और न ही कोई प्रभावी दंडात्मक कार्रवाई ही की गई। स्मार्ट सिटी के आईटीएमएस सिस्टम से भी बस, ऑटो और ई रिक्शों को छूट मिली हुई है जबकि इनके कारण दूसरों के चालान कट रहे हैं।

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