2.5 करोड़ संदिग्ध आईडी से हो रही थी टिकट बुकिंग, लगा प्रतिबंध – बॉट साफ्टवेयर के दुरुपयोग रोकने के लिए बुकिंग प्रणाली में किया बदलाव

2.5 करोड़ संदिग्ध आईडी से हो रही थी टिकट बुकिंग, लगा प्रतिबंध
– बॉट साफ्टवेयर के दुरुपयोग रोकने के लिए बुकिंग प्रणाली में किया बदलाव
भोपाल यशभारत। रेलवे में तत्काल टिकटों की बुकिंग को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले छह माह में तत्काल टिकटों की बुकिंग संदिग्ध आईआरटीसी आईडी से की गई ािी। जांच के बाद रेलवे की ओर से देश भर में 2.5 करोड़ संदिग्ध आईआरसीटीसी आईडी को बलॉक कर दिया है। अब केवल आधर सत्यापित उपयोगकर्ता को ही आईआरसीटीसीपोर्टल और एप के माध्यम से तत्काल ई टिकट बुक करने की अनुमति होगी। 1 जुलाई 2025 से इस नई व्यवस्था को लागू किया जा रहा है।
ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को टिकिट बुकिंग के लिए एजेंट के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। रेलवे की ओर से बुकिंग प्रणाली में ही बदलाव कर दिया गया है। आम यात्रियों को तत्काल टिकट बुकिंग में प्राथमिकता देने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा तत्काल योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य बॉट सॉफ़्टवेयर के दुरुपयोग को रोकना, ट्रैवल एजेंट्स द्वारा किए जा रहे अनावश्यक दबाव को कम करना तथा पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ वास्तविक यात्रियों को सुविधा प्रदान करना है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि तत्काल टिकट बुकिंग के पहले 30 मिनट केवल व्यक्तिगत ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं एवं स्टेशन पर मौजूद पीआरएस काउंटर के यात्री ही कर सकेंगे। ट्रैवल एजेंट्स और अधिकृत एजेंसियों को एसी श्रेणी के लिए 10.30 बजे और नॉन-एसी के लिए 11.30 बजे के बाद ही बुकिंग की अनुमति होगी। इस प्रकार, व्यक्तिगत यात्रियों को बॉट सॉफ़्टवेयर या एजेंट्स से पहले टिकट बुक करने का उचित अवसर मिलेगा।
मोबाइनल नंबर अनिवार्य, एक ही बार आएगा ओटीपी
पीआरएस काउंटर से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए यात्री को अपना मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा, जिस पर एक ओटीपी (एक बार पासवर्ड) भेजा जाएगा। ओटीपी सत्यापन के बाद ही टिकट जारी किया जाएगा। यह व्यवस्था भी 15 जुलाई 2025 से प्रभाव में लाई जाएगी। यदि कोई यात्री आधार नहीं रखता, तो वह पीआरएस काउंटर अथवा अधिकृत ट्रैवल एजेंट्स के माध्यम से तत्काल टिकट बुक कर सकता है।
संदिग्ध आइ्रडी ब्लॉक की गई
बीते छह महीनों में तत्काल टिकटों की बुकिंग में गड़बड़ी के लिए ज़िम्मेदार पाए गए 2.5 करोड़ संदिग्ध आईआरसीटीसी आईडी को ब्लॉक किया गया है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बुकिंग प्रणाली में बदलाव किया गया है।
– सौरभ कटारिया, प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य रेलवे