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एक अधिकारी को हटाने तीन विधायक हुए लामबंद

Three MLAs rallied to remove an officer

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जबलपुर यश भारत। राजनीतिक सिस्टम और प्रशासनिक व्यवस्था में अक्सर देखने को मिलता है कि कभी कोई अधिकारी किसी का खास हो जाता है तो दूसरे नेता की आंखों में खटकने लगता है। इस बार एक अधिकारी एक नहीं कई विधायकों की आंखों में खटक रहा है । भले ही विधायक एक दूसरे के विरोधी माने जाते हैं, लेकिन इस मामले में एक अधिकारी के खिलाफ एक साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। एक ओर जहां दो विधायक तो खुलकर भोपाल में अपनी बात रख रहे हैं वहीं तीसरे ने मुख्यमंत्री के अल्प प्रवास के दौरान में अपना विरोध दर्ज कराया है।

पहले भी रही है तना-तानी

मामला खाद्यान्न उपार्जन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एजेंसी विपणन संघ के वरिष्ठ अधिकारी का है । जो पहले शहर में रह चुके थे जहां उनके द्वारा की गई अनियमिताओ का मामला तत्कालीन कलेक्टर से लेकर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री तक पहुंचा था। इसके बाद उन्हें शहर से बाहर कर दिया गया था, और फिर पिछले साल धान उपार्जन में हुई बड़ी कार्यवाही के बाद उक्त अधिकारी द्वारा शहर में आने की फिर से कोशिश की गई थी। लेकिन उनकी जगह दूसरे अधिकारी को भेज दिया गया था । फिर 3 महीने पहले उक्त अधिकारी फिर जबलपुर आ गए लेकिन जॉइनिंग करने के पहले ही राजनीतिक विरोध के चलते उन्हें बालाघाट का रास्ता दिखा दिया गया। पर्दे के पीछे से जबलपुर में उनका हस्तक्षेप बनाए रखने के लिए भोपाल में बैठे अधिकारियों ने बालाघाट के जिला प्रबंधक को संभाग का भी प्रभार दे दिया। जबकि संभाग का प्रभार जबलपुर प्रबंधक के पास रहता है। क्योंकि जबलपुर में ही विपणन संघ का संभागीय कार्यालय है। ऐसे मे पहले से खार खाए बैठे विधायक अब भोपाल में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ शिकवा शिकायत कर रहे हैं।

उपार्जन को लेकर विवाद जिले में कोई नई बात नहीं है। अब जनप्रतिनिधि इस मामले को कहीं ना कहीं अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे हैं। जानकारी के मुताबिक एक विधायक द्वारा लगभग दो महापुर मुख्यमंत्री को उक्त आशय का पत्र लिखा गया था उसके बाद एक विधायक सीधे भोपाल जाकर मुख्यमंत्री से अपनी बात रख कर आए हैं और अब तीसरे विधायक ने डुमना पर मिले मौके का उपयोग किया। कभी भीतर खाने गुटबाजी करने वाले नेता अब अपनी साख को बचाने के लिए एक स्वर में आवाज लगा रहे हैं। चर्चाएं तो यह भी हो रही है कि अपनी ही सरकार में अपने ही विधायक अधिकारियों के सामने कमजोर नजर आ रहे है।

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