जबलपुर में मजदूरों को पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी – देखे… वीडियो.. : कलेक्ट्रेट घेरने पहुंचे रेलवे ब्रिज में काम करने वाले मजदूरों सुनाई आपबीती
जबलपुर, यशभारत। गरीब है सर… सोचा था कि … रेलवे के ब्रिज में काम करके कुछ गरीबी कम कर लेंगे… काम पूरी मेहनत से किया, बच्चे भी काम में जुटे थे… गर्भवती पत्नी भी सिर में थसला रखकर काम कर रही थी.. ठेकेदार द्वारा कहा गया था कि 15 दिन काम करने में मजदूरी का पैसा मिल जाएगा। लेकिन सर.. दो माह बीत गए फूटी कौड़ी नहीं मिली, अब ठेकेदार से मजदूरी का पैसा मांगते हैं तो वह जान से मारने की धमकी देता है, ये कैसा न्याय साहब… कोई मदद करें हमारी। यह फरियाद थी उन 55 मजदूरों की जिन्होंने सिहोरा के घाट सिमारिया में बन रहे रेलवे ब्रिज में काम किया लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला। माथे में मायूसी और चेहरे में डर लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे मजदूरों ने बताया कि भगवान ने दोहरी मार दी है एक तो पहले से गरीबी का दंश झेल रहे हैं ऊपर से काम करने के बाद भी मजदूरी नहीं मिल रही है। दो माह तक काम किया मजदूरी के नाम पर सिर्फ ठेकेदार और सुपरवाइजर ने आश्वासन दिया।
ठेकेदार संतोष कहता है होशयार बने तो जान से जाओगे
कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाने सिहोरा से जबलपुर पहुंचे मजदूरों ने बताया कि रेलवे ब्रिज का जब काम शुरू नहीं हुआ था उस वक्त ठेकेदार संतोष यादव उनके पास पहुंचे और वादा किया था कि 15 काम करने के बाद मजदूरी दी जाएगी लेकिन दो माह बीत गए मजदूरी का एक पैसा नहीं दिया। अब ठेकेदार से मजदूरी मांगो तो कहता है ज्यादा होशयार बनने की कोशिश मत करो कोई मजदूरी नहीं मिलेगी। कहीं शिकायत की तो सभी को जान से मार दूंगा।
भूखे मरने की नौबत, गर्भवती पत्नी को भर्ती कराने पैसा नहीं
मजदूर शिकायकर्ता नरेंद्र कुमार ने रोते हुए बताया कि रेलवे ब्रिज में काम करना सबसे बड़ी गलती थी, काम करने के बाद पैसा नहीं मिला है, भूख मरने की नौबत है, पत्नी के पेट में 9 माह का गर्भ पल रहा है उसे भर्ती कराने के लिए पैसा नहीं है। सुपरवाइजर से मिलने पहुंचे तो उसने दुत्कार भगा दिया है, कलेक्टर से शिकायत करने आए तो यहां कोई अधिकारी नहीं मिला। अन्य मजदूरों का कहना था कि ऐसा लग रहा है कि सभी आत्महत्या कर लें क्योंकि घरों में चूल्हें नहीं जल रहे हैं, दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं।