खरे दंपती को अंतिम विदाई देने पहुंचे हजारों लोगःपति-पत्नी एक साथ निकलें अनंत यात्रा पर

जबलपुर यशभारत। सात जनम ,सात फेरे, सात वचन का अनमोल रिश्ता, पति,पत्नी एक दूसरे के पूरक बन जाते है बहुत कम ऐसा होता है जब कुछ घंटों में ही एक उम्र के बाद पति पत्नी एक ही दिन कुछ घंटों के अंतराल में दुनिया से विदा हों। पत्नी हमेशा ऐसी पूजा और व्रत करती है कि वह सौभागयवती रहे और पति की उम्र लंबी हो, लेकिन परिजात बिल्डिंग के पीछे सरस्वती कॉलोनी रहने वाले खरे परिवार में ऐसा वाकया सामने आया है जहां पत्नी की मौत के बाद पति भी जीवन संगिनी के विछोह को बर्दाश्त नहीं कर पाए और सदमे में उनने भी दो घंटे बाद इस दुनिया को अलविदा कह दिया । जिसने भी इस घटना को सुना उसकी आंखें भर आर्इं। खरे दंपत्ति के मौत से क्षेत्र में शोक का माहौल निर्मित हो गया। सोमवार सुबह जब दोनों की अर्थियां एक साथ उठीं तो लोगों की आंसू नहीं थम रहे थे। जिसने अंतिम यात्रा को देख वह गमगीन हो उठा। नर्मदा तट के गौरीघाट मुक्तिधाम में बेटे नीलेश खरे ने माता- पिता को मुखाग्रि दी। इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स ने द्रवित मन से खरे दंपति को अंतिम विदाई दी।
सरस्वती कॉलोनी में डॉक्टर रूसिया के बाजू में रहने वाले अंबिका प्रसाद खरे 81 वर्ष बीएसएनल से सेवानिवृत्ति के बाद परिवार के साथ रहते थे । उनकी 78 वर्षीया धर्मपत्नी श्रीमती रुक्मणी खरे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहीं थी और उन्हें दो दिन पहले एक निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था जहां रविवार को पूर्वान्ह करीब 11.30 बजे श्रीमती रुक्मणी खरे की मृत्यु हो गई । यह खबर जैसे ही श्री अंबिका प्रसाद को लगी वह यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए । व्यथित हो गए और करीब 2 घंटे बाद अचानक उनका भी निधन हो गया । जैसे ही मोहल्ले में यह खबर लगी लोग खरे परिवार के घर पर जमा हो गए। खरे दंपति के पुत्र नीलेश खरे ने बताया कि माता जी तो बीमार थीं और उन्हें 2 दिन पूर्व अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन पिताजी को ऐसी कोई समस्या नहीं थी। खरे परिवार में नीलेश के अलावा उनकी चार बहनें और हैं । माता-पिता की एक साथ हुई मृत्यू से सभी पर जो बज्रघात हुआ उससे परिवार के सदस्य तो सदमे में है ही साथ ही आस पड़ोस और रिश्तेदारों में भी, इस हृदय विदारक घटना से शोक का माहौल निर्मित हो गया है।