ये इंसानियत तो नहीं…. पत्नी के प्रसव पर मजदूर ने पैसा मांगा तो ठेकेदार कहता ट्रेन से गांव निकल जाओ


जबलपुर, यशभारत। लंबे समय के बाद पत्नी को संतान होने वाली थी, घर में खुशियां आने वाली थी, सोचा था कि एक छोटा परिवार होगा जिसमें जमाने भर की खुशियां होगी। जिस कंपनी में 15 साल से काम कर रहा हूं, आस थी कि जब कोई विपत्ति आएगी तो कंपनी साथ देगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। पत्नी की डिलीवरी होनी थी ठेेकेदार से पैसा मांगने पहुंचा तो उसने कह दिया कि पत्नी को ट्रेन से गांव ले जाओ वहीं बच्चे की डिलवरी कराना है। ठेकेदार की एक गलती की वजह से उसकी खुशियां मातम में बदल गई। पत्नी ने ट्रेन में बच्चे को जन्म तो दिया परंतु बच्चा मृत हुआ। यह दर्द है बिहार के रहने वाले 30 साल के युवक का।
युवक योगेंद्र सिंह सूरत में किसी श्ुागर मिल में काम करता है बीते 15 साल से कंपनी से जुड़ा है। बीते दिन पत्नी आरती को प्रसव पीड़ा हुई तो वह कंपनी के ठेकेदार शंकर से पैसे मांगना पहुंचा लेकिन ठेकेदार ने पैसे देने की वजाए कह दिया कि पत्नी को लेकर गांव चले जाओ, टे्रन का किराया वो देगा। ठेकेदार के कहने पर उसने दानवपुर टे्रन की टिकिट ली और गांव के लिए निकल गया परंतु रास्ते में पत्नी को अत्याधिक प्रसव पीड़ा हुई और जबलपुर स्टेशन पहुंचते ही उसने यात्री सीट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। जन्म लिए हुए बच्चे ने जब कोई हरकत नहीं की तो उसने जबलपुर में उतरकर एंबुलेंस से पत्नी और बच्चे को एल्गिन अस्पताल ले गया जहां परीक्षण के दौरान डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
200 रुपए थे तो एंबुलेंस वालों ने ले लिए, गरीब नवाज कमेटी ने की मदद
युवक योगेंद्र ने बताया कि बहुत गरीब है ठेकेदार ने पैसा नहीं दिया था उसके पास 200 रूपए बचे थे तो एंबुलेंस चालक ले लिए। मृत बच्चे को दफनाने के लिए एक पैसा नहीं था, एल्गिन अस्पताल में जानकारी लगी कि गरीब नवाज कमेटी असहाय लोगों की मदद करती है। अस्पताल से कमेटी के इनायत अली का नंबर लेकर फोन किया जिसमें इनायत अपने अन्य साथियों के साथ पहुंचा और रानीताल में बच्चे का अंतिम क्रिया की गई।