बुक सेलर्स की लूट-खसोट पर लगता जा रहा विराम
कलेक्टर की कार्रवाई के बाद से बुुक सेलर्स-स्कूल संचालक सहमे
कलेक्टर की कार्रवाई के बाद से बुुक सेलर्स-स्कूल संचालक सहमे
अभिभावक ले रहे राहत की सांस
जबलपुर,यशभारत। सालों से शहर में कॉपी-किताबों को लेकर जो बुक सेेलर्स द्वारा स्कूल संचालकों की सांठ-गांठ से अभिभावकों के साथ लूट-खसोट की जा रही थी। अंतत: अब उस पर विराम लगता देखा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में एसडीएम सहित अन्य जांच दल के द्वारा जिस प्रकार से शहर के बुक संचालकों के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित करके कार्रवाई की गई है उससे तो स्पष्ट हो गया है कि अभी तक शहर में अभिभावकों को लूटा जा रहा था। जिस दिन से कलेक्टर दीपक सक्सेना ने शहर के अभिभावकों से कहा कि आप मुझे अपनी समस्या बताएं कि कौन सा स्कूल किस दुकान विशेष से किताबें लेने बाध्य कर रहा है ठीक उसी दिन से बुक सेलर्स पर लगाम कसती जा रही है। आलम ये है कि अब स्कूल संचालकों के साथ शहर के बुक सेलर्स सहमे हुए हैं। और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक राहत की सांस लेते नजर आ रहे हैं।
एनसीईआरटी की कीमतों पर भी कर रहे फेरबदल..
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित पुस्तकों को मध्यप्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा प्रकाशित कराया जाता है जिसके तहत कक्षा 1 से 12 वीं तक किताबों का मूल्य बहुत कम रहता है। जिसे कोई भी अभिभावक आसानी से वहन कर सकता है। जानकारों की माने तो एनसीईआरटी की पुस्तकों का पूरा सेट करीब 600 रुपए के आसपास आ जाता है जबकि निजी स्कूलों का यही सेट 5 से 6 हजार रुपए तक चला जा रहा है। बुक सेलर्स द्वारा अब एनसीईआरटी की किताबों में सील लगाकर संशोधित कीमत दर्शाई जाने का प्रयास किया ता रहा है जिस ओर भी जिला प्रशासन का ध्यान है।
अभी तक की जांच में ये खुलासे….
जानकारी के अनुसार शहर के बुक सेलर्स के पास अभी तक करीब 23 हजार ऐसी पुस्तकें मिलीं हैं जिनमें आईएसबीएन नंबर ही नहीं थे और करीब 99 प्रतिशत पुस्तकें ऐसी मिलीं हैं जिनमें फर्जी आईएसबीएन नंबर प्रकाशित थे। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब जिला प्रशासन ने पोर्टल पर किताबों के आईएसबीएन नंबर की जांच की।
अभिभावकों के सामने होगी सुनवाई…
कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा जिन-जिन बुक सेलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है उन्हें कार्रवाई पूरी होने के बाद सुनवाई का मौका दिया जाएगा। कलेक्टर दीपक सक्सेना के अनुसार अभिभावकों के सामने बुक सेलर्स, स्कूल संचालकों को लाया जाएगा और फिर मामले में सुनवाई होगी।
बुक सेलर्स की मोनोपॉली खत्म करने लगाया गया है पुस्तक मेला: कलेक्टर
पुस्तक मेले का आज तीसरा दिन
जबलपुर,यशभारत। निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने और बुक सेलर्स की मोनोपॉली को खत्म करने के उद्देश्य से कलेक्टर दीपक सक्सेना के नेतृत्व में शहीद स्मारक गोलबाजार में लगाए गए 5 दिवसीय मेले की अभिभावकों द्वारा जमकर सराहना की जा रही है। पुस्तक मेले में अभिभावकों को बच्चों के लिए ड्रेस, किताबें, कॉपी व अन्य स्टेशनरी सामान उचित दामों में मुहैया कराया जा रहा है जिसके लिए पुस्तक मेले में करीब 50 स्टॉल लगाए गए हैं। आज शुक्रवार को पुस्तक मेले का तीसरा दिन है। शुरू के दो दिन पुस्तक मेले में अभिभावकों ने पहुंचकर रूचि दिखाई थी। जिला प्रशासन द्वारा उम्मीद की जा रही है मेले के तीसरे दिन भी अभिभावकों का बड़ा समूह वहां पहुंचेगा और पुस्तक मेले को सफल बनाएगा।
जो किताबें नहीं है उनकी जगह शामिल करें सर्वसुलभ किताबें: कलेक्टर
जबलपुर,यशभारत। पुस्तक मेले में कुछ किताबों के न मिलने की अभिभावकों की शिकायत जब कलेक्टर दीपक सक्सेना के पास पहुंची तो उन्होनें तत्काल आदेश जारी किए कि जो किताबें मेले में नहीं मिलेंगी वो किताबें स्कूल मे भी नहीं चलेंगीं। कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि जिला समिति के इस निर्णय के अनुसार स्कूल प्रबंधन 24 घंटो के भीतर मेले में अनुपलब्ध किताबों के रिप्लेसमेंट के संबंध में ज़िला शिक्षा अधिकारी को सूचित करेगा । उन्होंने साफ किया कि इस निर्णय की अवहेलना करने पर स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध विधि अनुसार कारवाई की जायेगी । कलेक्टर ने स्कूल प्रबंधनों से कहा है कि जो किताबें पुस्तक मेले में नहीं है उन अनुपलब्ध किताबों के स्थान पर स्कूल प्रबंधन को सिलेबस में सर्वसुलभ किताबें शामिल करनीं होंगीं ।
०००००००००००००००००००