बारिश रुक जाती तो समय पर हो जाती रोपाई . खेतों में भरा पानी,अधिक पानी से उखड़ गई रोपाई,किसान फिर से कर रहे तैयारी
जबलपुर यशभारत।खरीफ की फसल की बुवाई एवं धान की रोपाई करने के लिए किसान पहले बारिश का इंतजार कर रहे थे लेकिन जिस तरह से पिछले दो सप्ताह से जिले में बारिश हो रही है उसने धान की रोपाई करने वाले किसानों को एक बार फिर चिंता में डाल दिया है इस संबंध में किसानों ने बताया कि पिछले दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण खेतों में लवालब पानी भर चुका है जिसके कारण वही किसान जो पूर्व में अच्छी बारिश होने का इंतजार कर रहे थे अब वही किसान बारिश रुकने का इंतजार करने लगे हैं। किसानों के अनुसार बारिश अधिक होने से धान की रोपाई करने में अब दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि खेतों में पानी भर जाने के कारण रोपाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में किसान पुष्पांशु राजपूत मनीष राजपूत अरुण सिंह आदि ने बताया कि बारिश अधिक होने के कारण खेतो में पानी अधिक भार जाने के कारण और उसकी निकासी के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं। पानी निकालने के बाद ही रोपाई का काम और गति पकड़ेगा कुछ किसानों ने तो यहां तक बताया कि अधिक बारिश होने के कारण जिन खेतों में पूर्व में रोपाई हो चुकी है वह उखड़ गई है।
उल्लेखनीय की रुक-रुककर हो रही बारिश से खेतों में पानी भर गया है। ऐसे में खरीफ फसलों की बुआई में दिक्कतें आ रही हैं। लबालब भरे खेतों में रोपाई नहीं करवा पा रहे हैं। किसान भी अब बारिश रुकने का इंतजार कर रहा है। ऐसे में खरीफ फसलों की रोपाई पिछड़ने की संभावना जताई जा रही है। ज्यादा बारिश होने से खेतों में पानी भर गया है। पानी से खेत लबालब नजर आ रहे हैं। अब किसानों के सामने रोपाई में कुछ मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। जानकारों की मानें तो यदि समय से बुआई नहीं होगी तो उत्पादन घटेगा। यही नहीं रबी फसलों की बुआई भी पिछड़ेगी। किसानों को इसमें भी घाटा सहना पड़ सकता है।और आगामी रवि की फसल भी प्रभावित हो सकती है।
*. मजदूरों की बनी जटिल समस्या-जिले में पिछले दिनों से हो रही लगातार झमाझम बारिश के कारण किसानों के सामने मजदूरों की जटिल समस्या उनके सामने खड़ी हो गई। किसानों ने बताया कि जैसे-जैसे तेज बारिश हुई इस तरह से मजदूरों की मजदूरी में भी काफी उछाल आया है किसानों के अनुसार धान की रोपाई करने वाले मजदूरों द्वारा पूर्व में 4500 रुपए प्रति एकड़ रोपाई की जाती थी लेकिन बारिश होने से उन किसानों के सामने मजदूरों की समस्या खड़ी हो गई है जिनके खेतों में और रोपाई करने लायक पानी तो है लेकिन उनको रोपाई करने लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। किसान मजदूरों से रोपाई करने के लिए अब मुंह मांगे पैसे देने को तैयार है उसके बाद भी उसको समय पर मजदूर मिल जाए तो यह बड़ी बात है किसानों के अनुसार पूर्व में 4500 रुपए प्रति एकड़ रुपए करते थे उन्हें मजदूरों ने अपनी मजदूरी 6 से लेकर 7 हजार रुपए प्रति एकड़ कर दी है