जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

साल के अंत से पहले खाकी की दौड़, लंबित मामलों की फाइलों में तेज़ी, पुलिस हर हाल में करना चाहती है निपटारा, नए मामलों के पंजीयन से परहेज़

जबलपुर। वर्ष 2025 की विदाई करीब है। नवंबर का महीना अंतिम दौर में है और दिसंबर की दस्तक से पहले पुलिस प्रशासन पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी लंबित मामलों के निपटारे की है। एक माह के अंदर पुलिस को पुराने, अधूरे और रुके हुए प्रकरणों को बंद करने की चुनौती मिली है, जिसे लेकर शहर के तमाम थानों में फाइलों की हलचल तेज हो गई है।

थाना प्रभारी से लेकर विवेचक तक सभी की प्राथमिकता अब केवल एक ही है—लंबित अपराधों का निकाल कैसे किया जाए। सालभर में दर्ज हुई शिकायतें पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई थीं, जिन्हें अब तेजी से सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने एक ओर पुरानी शिकायतों की फाइलें खोलकर विवेचना दोबारा तेज कर दी है, वहीं दूसरी ओर नए मामलों को दर्ज करने में परहेज़ किया जा रहा है, ताकि पुराना बैकलॉग बढ़ने न पाए।

लंबित प्रकरणों की भरमार, चुनौती बड़ी

शहर के थानों में ऐसे प्रकरणों का ढेर लगा है जिन्हें खत्म करने के लिए अब सिर्फ कुछ दिन बचे हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिए हैं कि साल खत्म होने से पहले हर लंबित मामला या तो कायमी की स्थिति में पहुंचे या खात्मे की श्रेणी में दर्ज हो जाए।

आदेश के बाद मातहत अधिकारी भी पूरी ताकत झोंक चुके हैं ताकि

✔ थानों का रिकॉर्ड दुरुस्त हो सके
✔ साल का अपराध लेखा-जोखा ठीक से प्रस्तुत हो
✔ लंबित अपराधों का बोझ नए साल में न पहुंचे

फाइलें खुलीं, फरियादी भी आ रहे याद

सूत्रों के अनुसार कई ऐसी शिकायतें थीं जो महीनों से फाइलों में धूल खा रही थीं। अब उन सभी फाइलों को तेजी से खंगाला जा रहा है।

जांच पड़ताल के दौरान—

* जिन मामलों में अपराध स्थापित होता दिख रहा है, उनमें एफआईआर दर्ज की जा रही है
* जिन शिकायतों में साक्ष्य अपर्याप्त हैं, उनमें खात्मा प्रक्रिया अपनाई जा रही है
* जिन प्रकरणों में बयान अधूरे थे, उनमें फरियादियों को फोन कॉल किए जा रहे हैं
* कई मामलों में विस्तृत जांच फिर से शुरू कर दी गई है

यानी जो फरियादी महीनों से अपने केस को भूल चुके थे, अब पुलिस उन्हें फिर याद दिला रही है।साल के अंतिम दिनों में पुलिस की यह फुर्ती साफ संकेत देती है किखाकी का लक्ष्य सिर्फ एक—रिकॉर्ड साफ, जवाबदेही स्पष्ट और लंबित प्रकरणों का अंत।अब देखना यह है कि क्या पुलिस समय से पहले इस चुनौती को पूरा कर पाती है या फिर कुछ फाइलें अगले साल की शुरुआत का इंतजार करेंगी।

05 25

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