जबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

जमीं निगल गई या आसमा खा गया चार लाख का गया पौधारोपण

सूचना के अधिकार के तहत निरद्रपुर ग्राम पंचायत का भ्रष्टाचार हुआ उजागर

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

WhatsApp Image 2024 08 30 at 13.02.19

 

जबलपुर यशभारत।
जिले की जनपद पंचायतों के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में पौधरोपण के नाम पर पंचायत स्तर पर शासन द्वारा गांवों में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है।किन्तु समय के साथ यह पौधरोपण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शासन द्वारा चलाई जा रही योजना धरातल पर उतरने से पहले ही पनागर जनपद पचांयत के अंतर्गत निरद्रपुर के भ्रष्ट सरपंच, उप सरपंच व सचिव की झोली में समा गई जो गंभीर चिंतन का विषय है। उल्लेखनीय कि निरंदपुर ग्राम पंचायत के चिल्हिया गांव में जिस तरह से पौधारोपण के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया उसको लेकर ग्राम के कुछ लोगों द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जब पूरे मामले की जानकारी ली गई तो भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलकर सामने आ गई जहां पर लगभग 4 लाख रुपए पौधारोपण के नाम पर कागजी कार्रवाई कर दी गई। उक्त मामला जिला पंचायत मुख्य कार्यकाल अधिकारी के पास पहुंचा तो उनके द्वारा इसकी रिकवरी पंचायत के द्वारा कराए जाने हेतु आदेशित किया गया। बता दें कि लोगों के जनजीवन में सुधार करने एवं शुद्ध हवा उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा बृहद स्तर पर पौधारोपण का प्रचार प्रसार भी किया गया था। लेकिन इस ग्राम पंचायत में सभी नियम कानूनों को ताक रखकर फर्जी रूप से पौधारोपण के नाम पर राशि निकाल ली गई।इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार निरंदपुर सरपंच, सचिव और उपयंत्री से 4 लाख 92 हजार 335 रुपये की वसूली के आदेश भी जारी किए गए थे।
फर्जी मस्टर किया गया जारी
इस संबंध में सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी सामने आई उसके अनुसार पनागर की ग्राम पंचायत निरन्दपुर में बिना पौधारोपण किये राशि का भुगतान करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंर्तगत फर्जी मस्टर जारी कर हितग्राहियों के बजाय अन्य व्यक्तियों के नाम मजदूरी का भुगतान करने का दोषी पाये जाने पर सरपंच, सचिव एवं जनपद पंचायत के उपयंत्री से 4 लाख 92 हजार 335 रुपये की वसूली का आदेश न्यायालय विहित प्राधिकारी एवं सीईओ जिला पंचायत जयति सिंह ने पारित किया गया था।
न्यायालय विहित प्राधिकारी जिला पंचायत की सीईओ ने प्रकरण में इस प्रकरण में आदेश पारित कर हुये निरन्दपुर की सरपंच अर्चना पटेल एवं सचिव राजेश पटेल को फर्जी मस्टर बनाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की बजाय अन्य के खातों में मजदूरी का भुगतान कर 23 हजार 152 रुपये की राशि का दुरुपयोग का दोषी पाते हुये वसूली का आदेश पारित कर दोनों को इस राशि आधा-आधा हिस्सा 15 दिन के भीतर जिला पंचायत के एकल खाते में जमा करने के निर्देश दिये हैं। जिसमें सचिव द्वारा 1 लाख 67 हजार की राशि जमा कर दी गई। एवं पंचायत की शेष अन्य राशि में उपयंत्री एवं सरपंच जिस पर उन्होंने हाईकोर्ट से पूरे मामले की जांच कराए जाने के लिए कहा गया है।
नहीं हो रही निष्पक्ष जांच
आरोप है कि उक्त ग्राम पंचायत में तमाम प्रकार के निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, किंतु जिला प्रशासन के द्वारा ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों के द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं की जाती और न ही कार्रवाई की जा रही है। पंचायत कर्मियों के विरूध्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण इन भ्रष्टाचारियों के हौसलें बुलंद है। वहीं अब देखने वाली बात यह होगी की जिम्मेदार अधिकारी कब इन भ्रष्टाचारियों अपना शिकंजा कसेंगे या फिर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा मिलीभगत करते हुए इसी तरह सरकारी धनराशि का यूं ही पलीता लगता रहेगा…?

इनका कहना है …
इस मामले में न्यायालय से स्टे लगा है। सभी वित्तीय अधिकार छीन लिए गए हैं
अर्चना राजेश पटेल
सरपंच ग्राम पंचायत नरेंद्रपुर
—–
ग्राम पंचायत के सचीव द्वारा 1 लाख 67 की राशि जमा की गई। उपयंत्री एवं सरपंच द्वारा जो शेष राशि जमा करनी है उसके लिए उपयंत्री द्वारा न्यायालय से जांच करने के लिए कहा गया है।

—मनोज सिंह अतिरिक्त
मुख्य कार्यपाली अधिकारी जिला पंचायत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button