WhatsApp Icon Join Youtube Channel
WhatsApp Icon Join Youtube Channel
जबलपुरदेशमध्य प्रदेश

मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बन रहे आतंकी भारत में हमले के लिए रोबोट की पढ़ाई करने बरगला रहा ISIS

नई दिल्ली, एजेंसी। पहले कहा जाता था कि अनपढ़ युवाओं को बरगलाकर आतंकी बनाया जाता है लेकिन एनआईए की चार्जशीट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जी हां, देशभर में आतंकी हमले करने के लिए आतंकी संगठन ISIS ने शिक्षित युवाओं की भर्ती कर उन्हें रोबोटिक्स की पढ़ाई करने को कहा था। ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ढ्ढस् कैसे रोबोट टेक्नोलॉजी तक पहुंच बनाना चाहता है। कुल 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। हैरानी की बात यह है कि इसमें पांच मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। कर्नाटक के शिवमोगा केस की जांच में पता चला है कि इस्लामिक स्टेट ने भारत में अपने एजेंडे को कामयाब करने के लिए युवाओं को हमले के लिए रोबोटिक्स का कोर्स करने को कहा था। विदेश में बैठे ढ्ढस् के आकाओं (हैंडलर) ने इस रोबोटिक्स षड्यंत्र के लिए जिन युवाओं को चुना था, ज्यादातर की उम्र 22-23 साल है।

22 से 32 साल के आतंकी
हृढ्ढ्र ने शुक्रवार को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। आरोपियों में मोहम्मद शरीक (25), माज मुनीर अहमद (23), सैयद यासिन (22), रीशान थाजुद्दीन शेख (22) हुजैर फरहान बेग (22), माजिद अब्दुल रहमान (22), नदीम अहमद के ए (22), जीउल्लाह (32) और नदीम फैजल एन (27) शामिल हैं।

कट्टरता की पिलाई घुट्टी और…
एनआईए ने बताया कि ये सभी कर्नाटक के रहने वाले हैं। शरीक, मुनीर और यासिन ने इस्लामिक स्टेट के निर्देश पर भारत में आतंकी वारदात के लिए आईएस आतंकियों की मिलीभगत से आपराधिक साजिश रची थी। इन तीनों ने देश की सुरक्षा, एकता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने के मकसद से बाकी आरोपियों को कट्टरपंथ की घुट्टी पिलाई और आतंकी संगठन में भर्ती की। इन लोगों पर कर्नाटक के शिवमोगा में आईईडी ब्लास्ट का ट्रायल करने, कई टारगेट को निशाना बनाने, संपत्तियों और गाडय़िों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप है।

क्रिप्टोकरेंसी से आया पेमेंट
इस केस में मुनीर और यासिन के खिलाफ मार्च में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इन पढ़े-लिखे युवाओं ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचाने के मकसद से साजिश बुनी थी। NIA ने बताया है कि इनके आकाओं (हैंडलर) ने ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी के जरिए आरोपियों तक पैसे पहुंचाए। पिछले साल 19 नवंबर को शिवमोगा ग्रामीण पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था। बाद में 15 नवंबर को एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button