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मेडिकल जबलपुर में सफल ऑपरेशनः 40 साल के व्यक्ति को किडनी के ऊपर 4 सेंटमीटर का ट्यूमर, बीपी कभी कम नहीं होता था, सीने और सिरदर्द से था परेशान

जबलपुर, यशभारत। उम्र 40 साल, बीमारी सिरदर्द, सीने में दर्द और हाई बीपी की समस्या, आदिवासी क्षेत्र मंडला में रहने के बाबजूद कई जिलों में अपनी बीमारी का इलाज कराया, डॉक्टरों से सलाह लेकर दवाईयां शुरू की, लेकिन जब आराम नहीं मिला तो नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल के डॉक्टरों से परामर्श लिया और अपनी बीमारी से छुटकारा पाया। बात हो रही है मंडला में रहने वाले रोहन मार्कों 40 साल की जो पिछले कई सालों से बीपी की समस्या से परेशान था, किसी भी दिन सिरदर्द और सीने में दर्द होने की परेशानी जूझ रहे रोहन ने मध्यप्रदेश के सभी अस्पतालों में अपना इलाज कराया बाबजूद आराम नहीं मिला तो उसने नागपुर जाकर ट्रीटमेंट कराया वहां से भी रोहन को निराशा हाथ लगी। परिचितों ने एक बार जबलपुर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में जांच कराने के सलाह दी जिसके बाद रोहन ने स्तन थायरॉइड और एंडोक्राइन विषेशज्ञ डॉक्टर संजय यादव से परामर्श कर चैकअप कराया जिसमें सारी जांच होने के बाद पता चला कि रोहन को किडनी के ऊपर हिस्से में एक ट्यूमर है जिसकी वजह से रोहन को बीपी की शिकायत और सीने-सिर दर्द में हो रहा था।

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दूरबीन द्वारा ऐड्रीनल ट्यूमर का ऑपरेशन पीठ के रास्ते से

स्तन थायरॉइड और एंडोक्राइन विषेशज्ञ डॉक्टर संजय यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में एड्रिनल ग्रंथि के ट्यूमर्स के लिए रेट्रोपेरिटोनोस्कोपिक सर्जरी जैसी अत्याधुनिक और न्यूनतम इनवेसिव तकनीक को नियमित रूप से किया जा रहा है। यह तकनीक भारत के गिने-चुने केंद्रों में उपलब्ध है और गरीब मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस सर्जरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मरीज को ऑपरेशन के दिन ही न केवल चलने में सक्षम बना दिया जाता है, बल्कि उसे खाना-पीना और बिना दर्द के सामान्य जीवन जीने की शुरुआत भी करा दी जाती है। हाल ही में हमारे यहां एक मरीज मंडला का जिसे फियोक्रोमोसाइटोमा था, का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। मरीज को ऑपरेशन के तुरंत बाद वेंटिलेटर से हटा दिया गया और शाम तक वह बिना किसी दर्द के सामान्य स्थिति में गया था।

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4 लाख रूपए में होती सर्जरी

डॉक्टर संजय यादव ने बताया कि यह तकनीक न केवल मरीजों के लिए सर्जरी से उबरने का समय कम करती है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को लंबी अस्पताल में भर्ती और पारंपरिक सर्जरी से जुड़े खर्च से भी बचाती है। मेडिकल अस्पताल जबलपुर केंद्र इस तरह की उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करने वाले भारत के कुछ प्रतिष्ठित केंद्रों में से एक है, और गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों को अत्याधुनिक इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सर्जरी अगर राज्य के बाहर प्राइवेट संस्थान में होती तो मरीज पर करीब 4 लाख रूपए का आर्थिक बोझ पड़ता।

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बीपी की 4 प्रकार की दवा ले रहा था मरीज

मंडला निवासी मरीज का सफल सर्जरी स्तन थायरॉइड और एंडोक्राइन विभाग के सभी डॉक्टरों के सहयोग से की गई। डॉक्टर संजय यादव ने बताया कि मरीज को बीपी से सबसे ज्यादा परेशान था उसने नागपुर में जाकर अपना इलाज कराया और मरीज बीपी की 4 प्रकार की दवा ले रहा था और सीने-सिरदर्द की समस्या भी थी। सारी जांच कराने के बाद मरीज की सफल सर्जरी कर 4 सेंटमीटर का ट्यूमर निकाला गया।

मध्यप्रदेश में सिर्फ जबलपुर में सर्जरी की व्यवस्था

डॉक्टर संजय यादव ने बताया कि एड्रिनल ग्रंथि के ट्यूमर्स के लिए रेट्रोपेरिटोनोस्कोपिक सर्जरी जैसी अत्याधुनिक सिर्फ जबलपुर मेडिकल अस्पताल में उपलब्ध है। इसके बाद लखनऊ सहित अन्य शहरों में उपलब्ध है। बीपी ठीक न होना, सिरदर्द-सीने में लगातार दर्द होने को लोग नजरअंदाज न करें। इसकी तत्काल जंाच मेडिकल में आकर कराएं या फिर किसी चिकित्सक परामर्श लें।

 

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