जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

भगवान भरोसे जिला न्यायालय की सुरक्षा

68 जजों, 3500 वकीलों समेत 7,000 लोगों की सुरक्षा 15 पुलिस जवान संभाल रहे

 

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जबलपुर,यशभारत। जिला न्यायालय एवं सत्र न्यायालय की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है। पूर्व में न्यायालयों में हुई घटनाओं से पुलिस प्रशासन कोई सबक नहीं ले रहा है।परिसर में कहीं भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है।  जबकि यहां 72 कोर्ट है जहां 68 जज पदस्थ हैं, इसके अलावा 3500 अधिवक्ता, 72 मोहर्रिरों समेत अन्य 350 का स्टॉप यहां कार्यरत है। इसके साथ ही प्रतिदिन यहां 3 से 4 हजार पक्षकारों का प्रतिदिन आना जाना होता हैं। उसके बावजूद भी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की सुरक्षा को मजाक बना दिया गया है,
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहाँ   सुरक्षा व्यवस्था मात्र 15 पुलिस जवान संभाल रहे हैं। इतना ही नहीं जिला न्यायालय में 4 प्रवेश द्वार हैं। जिसमें से गेट नंबर एक केवल न्यायाधीशों के लिए आरक्षित है, जबकि दो नंबर गेट न्यायालय कर्मचारियों के लिए है। 4 नंबर गेट से अधिवक्ताओं, गेट नंबर 3 से पक्षकारों का अधिकांश आना जाना होता है। जिनमें से एक भी गेट पर मेटल डिटेक्टर नहीं है। जिसके चलते आने जाने वालों की किसी प्रकार की कोई जांच नहीं होती हैं और लोग बेधड़क लोग आते-जाते रहते हैं।हालांकि इन गेटों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती होती है।
हाईकोर्ट में कड़ी सुरक्षा तो डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्यों नहीं
हाईकोर्ट में सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था है लेकिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था नदारद है। हाईकोर्ट में  हाईटेक कैमरा से निगरानी तो होती ही है साथ ही भारी पुलिस फोर्स भी तैनात होता है। हर आने जाने वाले पर नजर रखी जाती हैं। कायदा जांच होने के बाद ही प्रवेश दिया जाता है लेकिन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है जबकि हाईकोर्ट की तुलना में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अधिक अधिवक्ताओं, पक्षकारों का प्रतिदिन आना जाना होता है।
हथियारों से लैस होकर प्रवेश कर जाते हैं बदमाश
जिला न्यायालय में 4 गेट होने के बावजूद भी एक भी गेट पर जांच  नहीं होती है ऐसे में जब कुख्यात बदमाश को न्यायालय में पेश किया जाता है या वे पेशी में आता है तो उसके गुर्गों और समर्थकों का भी कोर्ट परिसर में जमावड़ा होता है ऐसे में यह बदमाश हथियारों से भी लैस होते हैं और जांच ना होने के चलते वे हथियारों के साथ ही कोर्ट परिसर में प्रवेश कर जाते हैं।
तहसील न्यायालयों में भी सुरक्षा व्यवस्था नदारद
जिला न्यायालय एवं सत्र न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था जब ऐसी है तो तहसील  न्यायालय के क्या हाल होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जिले में सिहोरा पाटन तहसील न्यायालय हैं जहां पर भी जजों ,वकीलों, पक्षकारों, और स्टाफ की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है।
कहां कितनी सुरक्षा
हाई कोर्ट –
350 का बल तैनात
सुरक्षा व्यवस्था में एक एएसपी, तीन डीएसपी, समेत इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कास्टेबल, कास्टेबल शामिल है।
80 सीसीटीवी कैमरा से निगरानी
जिला न्यायालय की सुरक्षा
7 सात पुरुष, एक महिला एसआई,
4 हवलदार
इसके अलावा सिविल लाईन, ओमती थाने का बचत बल करीब चार जवानों की प्रतिदिन तैनाती
50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे से निगरानी
केस 1
2022 में जिला कोर्ट के गेट नंबर 3 में कोर्ट पेशी से लौट रहे रांझी मस्ताना चौक निवासी सत्यम कुशवाहा पर फायरिंग कर जानलेवा हमला किया गया था। हमलावरों ने युवक की जांध पर चाकू से 3 वार करने के बाद कट्टे से हमला किया था। आरोपी निहाल नायडू व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
केस 2
2018 में जिला अदालत परिसर में कटंगी रोड बेलखाडू निवासी अधिवक्ता विनोद तिवारी पर फायरिंग हुई थी। घटना तब हुई थी जब वे जिला न्यायालय परिसर में हनुमान मंदिर के सामने टाइपिस्ट मुकेश राय के पास बैठकर मैटर टाइप करा रहे थे। पुलिस ने वकील की रिपोर्ट पर  प्रकरण दर्ज किया था।
केस 3
2021 में सिहोरा सिविल कोर्ट के सामने अधिवक्ता सूर्यभान सिंह पिता उजियार पर फायरिंग हुई थी। वकील को गोली मारने के बाद बाइक सवार दो आरोपी फरार हो गए थे ।आरोपियों ने चेहरे को ढका हुआ था। आरोपियों ने घात लगाकर वकील पर गोली चलाई थी।
केस 4
चरगवां में 10 साल के बच्चे बादल गोस्वामी की हत्या हुई थी इसी हत्याकांड के दोनों आरोपी गुड्डू तिवारी और मुकेश तिवारी को चार साल पहले सिविल कोर्ट पाटन में लाया गया था। दोनों आरोपियों को जब पुलिस कोर्ट रूम से बाहर लेकर आ रही थी तभी वहां पहले से मौजूद हमलावरों ने उन पर फायरिंग कर दी थी। फायरिंग के दौरान गुड्डू तिवारी के सिर पर गोली लगी है जबकि मुकेश के कंधे में गोली लगी थी।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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