
Second hand car: आजकल ज्यादातर लोग पैसे नहीं होने की वजह से सेकंड हैंड कार खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. कार खरीदना है तो सेकंड हैंड कार एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि सेकंड हैंड कार कम कीमत में मिलता है साथ ही साथ इसमें कई तरह के अच्छे फीचर्स भी मिलते हैं.
हालांकि, इसके लिए आपको थोड़ी जागरूकता और ज्ञान की जरूरत होगी. कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जब आपको सस्ती कार के नाम पर चूना लगा दिया जाता है. इसलिए, हम आपको कुछ सावधानियों के बारे में बता रहे हैं जो आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगी कि आप एक अच्छी यूज्ड कार खरीद रहे हैं. इन सावधानियों की मदद से आप धोखेबाजों से दूर रहेंगे.
ऐसे होती है सेकेंड हैंड कार में धोखाखड़ी
आप एक सेकेंड हैंड कार खरीदते समय ही नहीं, बेचते हुए भी धोखे का शिकार हो सकते हैं. नीचे दी गई बातों का यूज़्ड कार खरीदते या बेचते समय ध्यान रखना चाहिए.
1. ओडोमीटर टैम्परिंग: लोग वाहन के ओडोमीटर से छेड़खानी करके कार की चलने वाली दूरी को बदल देते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि खरीदार समझ न पाए कि कार को कितना इस्तेमाल किया जा चुका है.
2. चोरी की गाड़ियां: कई बार धोखेबाज़ गाड़ी चोरी करते हैं और इसे फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के साथ बेचते हैं. इस तरह की स्थिति में, गाड़ी के ख़रीदार और जिसकी गाड़ी चोरी हो जाती है, दोनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
3. इंजन: कई बार कार मालिक इस बात की जानकारी नहीं देता कि उनके इंजन में कोई खराबी है. इसलिए कार को खरीदने से पहले अच्छे से चलाकर देख लें. इसके अलावा, बेहतर होगा किसी भरोसे के मैकेनिक से चेक भी करा लें.