संसद में हंगामा, राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट : स्पीकर ओम बिरला ने कहा – सदन में हंगामा करना गलत ,क्या विपक्ष सदन नहीं चलाना चाहता
नई दिल्ली, एजेंसी। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है. लोकसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा दिख रहा है. विपक्षी सांसद नारेबाजी कर रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। हंगामे के बीच लोकसभा में प्रश्न काल चल रहा है। इसके बाद बजट पर चर्चा शुरू होगी। कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया था। बजट पर चर्चा के लिए 20 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। विपक्षी सासंदों के हंगामे पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन में हंगामा करना गलत है. क्या विपक्ष सदन नहीं चलाना चाहता है. वहीं, किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद में विपक्षी सांसदों का हंगामा निंदनीय है। लोकसभा में प्रश्नकाल में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद सवाल पूछ रहे हैं। सबसे ज्यादा रेलवे से जुड़े हैं। सांसदों की शिकायत कोरोनाकाल में बंद हुए ट्रेनों के स्टॉपेज को फिर से चालू कराने के लिए हैं।
सीतारमण के भाषण के दौरान सेम-सेम के नारे लगाते बाहर निकले
राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण के दौरान कहा, हर बजट में, आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। इस पर नाराज विपक्ष के नेता सेम-सेम के नारे लगाते हुए बाहर चले गए। राज्यसभा में विपक्ष ने बजट में भेदभाव का विरोध किया। जिसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हर बजट में, आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडावन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम नहीं लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्य में नहीं जाते हैं? कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने झूठ फैलाया है कि हमारे राज्य को कुछ नहीं दिया गया। यह अपमानजनक आरोप है। हालांकि इसके बाद विपक्ष के नेता सदन से बाहर चले गए।
बजट से पूरा देश नाराज- राज्यसभा में बोले खरगे
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बजट से पूरा देश नाराज है. दो रायों को छोड़कर किसी को कुछ नहीं मिला. यह केवल कुर्सी बचाने वाला बजट है. तमलिनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र को कुछ नहीं मिला. हम इस बजट का खंडन करते हैं. अगर संतुलन नहीं होगा तो फिर देश का विकास कैसे होगा. इस पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि विपक्ष जवाब नहीं सुनना चाहता है.