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Rice export ban 2023 नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर रोक की तैयारी, जाने पूरी खबर 

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Rice export ban 2023:- नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर रोक की तैयारी, जाने पूरी खबर नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के लिए सरकार विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो कई देशों पर इसका असर होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चावल के एक्सपोर्ट पर किसी भी प्रतिबंध से उन देशों पर दबाव पड़ सकता है, जो भारत से चावल के आयात पर निर्भर हैं। इनमें नेपाल, फिलीपींस, कैमरून और चीन जैसे देश शामिल हैं।

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Rice export ban 2023 नॉन बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर रोक की तैयारी, जाने पूरी खबर

चावल पर एक्सपोर्ट बैन लगाने की तैयारी 

भारत, दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर है। खबर के मुताबिक, चावल की अधिकांश किस्मों के एक्लसपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने पर विचार सरकार कर रही है। यह कदम अल नीनो मौसम पैटर्न की वापसी के कारण उठाया जा सकता है, क्योंकि देश में महंगाई काफी ज्यादा है। खाने-पीने की चीजों के दाम भारत समेत दुनियाभर में बढ़ रहे है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, मामले से परिचित लोगों ने बताया कि सरकार सभी गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की योजना पर चर्चा कर रही है।

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जानकारी सार्वजनिक नहीं होने के कारण पहचान उजागर न करने की शर्त पर लोगों ने कहा, अधिकारी चुनाव से पहले अधिक महंगाई के जोखिम से बचना चाहती हैं। इस प्रतिबंध से भारत के लगभग 80% चावल एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा। हालांकि इस कदम से घरेलू कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन इससे दुनियाभर में दाम बढ़ सकते है।

इंटरनेशनल मार्केट में दाम 2 साल के ऊपरी स्तर पर

चावल दुनिया की लगभग आधी आबादी का मुख्य भोजन है, एशिया में वैश्विक आपूर्ति का लगभग 90% उपभोग होता है। फसलों को नुकसान होने की आशंका के बीच बेंचमार्क कीमतें पहले ही दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
ग्लोबल राइस बिजनेस में भारत की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है। पिछले साल, रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद दक्षिण एशियाई देशों ने टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और सफेद और भूरे चावल के शिपमेंट पर 20% शुल्क लगाया था, जिससे गेहूं और मकई जैसे खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गई थीं। देश ने गेहूं और चीनी निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

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