प्रधानमंत्री ने फोन कर जबलपुर के सदर कैंट का विधायक किया है मनोनीत
•डिप्टी सीएम के पास विधायक का नियुक्ति पत्र लेने पहुंची जबलपुर की रिटायर्ड शिक्षिका
भोपाल, यश भारत। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का स्टॉफ उस दौरान हैरान-परेशान हो गया जब 74 साल की वृद्ध महिला उनके चार इमली बंगला पर पहुंच गई। महिला ने डिप्टी सीएम के स्टॉफ से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने उसे फोन करके बताया कि सदर कैंट जबलपुर का उसे विधायक मनोनीत किया गया है। इसलिए वे अपना नियुक्ति पत्र उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से लेने जबलपुर से भोपाल आई है। स्टॉफ ने वृद्धा को बताया कि डिप्टी सीएम बंगले पर नहीं हैं, लेकिन वह जिद पर अड़ गई। ऐसे में स्टॉफ ने पुलिस को बुलाया। सूचना पाकर महिला थाना प्रभारी शिल्पा कौरव अपने स्टॉफ के साथ पहुंचीं। उन्होंने महिला से बातचीत कर थाने लेकर आई। उन्होंने परिवार का मोबाइल नंबर लिया। परिवार से पता चला कि वृद्धा की मानसिक स्थित वर्तमान में ठीक नहीं है। वह रिटायर्ड गर्वमेंट शिक्षिका हैं। दो दिन पहले वह जबलपुर से लापता हुई हैं। घटना के समय डिप्टी सीएम बंगले में नहीं थे।
सोने के जेवर के साथ पहुंची
महिला थाना प्रभारी ने बताया कि रिटायर्ड शिक्षिका सोने के काफी जेवर पहनी हुई थी। करीब 13 हजार रुपए नकदी भी ली हुई थी। वह जबलपुर से ट्रेन से भोपाल पहुंची। इसके बाद रेलवे स्टेशन से पैदल डिप्टी सीएम के चार इमली स्थित बंगले पहुंच गई।
पेंशन व 1 लाख हर माह किराया
महिला शिक्षिका के पास आय के स्रोत में उनको सरकार से पेंशन मिल रही है। इसके अलावा उनके नाम से कई दुकानें हैं, जो किराए पर दे रखी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि करीब 1 लाख रुपए उनको दुकान से किराया हर माह मिलता है। जिसे वह अपने भाई-बहनों को दे देती हैं। वह मूलत: साउथ इंडियन हैं।
बीएड, एमए की डिग्री
टीआई ने बताया कि महिला वेलएजुकेडेट हैं। उनके परिवार ने बताया कि वह बीएड, एमए करने के बाद शिक्षिका बनीं। रिटायर्डमेंट के बाद भी वह बच्चों को पढ़ाती रही हैं। हालही में उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। ऐसे में परिवार ने ध्यान नहीं दिया, वह जबलपुर से भोपाल पहुंच गईं।
भाई बहनों को पढ़ाने शादी नहीं की
शिक्षिका के सात-भाई बहन हैं। उन्होंने भाई-बहनों को पढाने अपनी पूरी जिंदगी खपा दी। उन्होंने भाई बहनों को पढ़ाने के लिए शादी तक नहीं की। सभी भाई बहन अच्छे जॉब में हैं।
टीआई ने भाइयों को समझाकर सौंपा
रविवार को पुलिस ने रिटायर्ड शिक्षिका के परिवार को जबलपुर से बुलाया। उनके भाई साहेश चित्रे, राकेश चित्रे पहुंचे। शिक्षिका ने टीआई को बताया था कि उनके भाई उसकी सेवा में ध्यान नहीं देते। जबकि उसने उनके लिए अपना पूरा जीवन खपा दिया। इस पर टीआई ने दोनों भाईयों को समझाइश देकर रिटायर्ड शिक्षिका को सुपुर्द किया।
28 दिसंबर को जबलपुर से निकलीं
28 दिसंबर को वह घर से बिना बताए निकली थीं। उनकी बड़ी बहन नलिनी चित्रे ने पुलिस को बताया कि बहन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। घर से लापता होने के बाद परिवार जबलपुर में उनकी तलाश में जुटा था।