कलेक्ट्रेट में इंटरनल सर्जरी की तैयारी: लंबे समय से जमे बाबूओ के बदले जाएंगे विभाग
जबलपुर, यश भारत। राजस्व विभाग के साथ संबंधित अन्य विभागों में आ रही गड़बड़ियों के बाद हैं। यश भारत को मिली जानकारी के अनुसार खाद्य विभाग, कोषालय ,निर्वाचन, नाजारत, भू अभिलेखागार और तहसीलों में लंबे समय से जमे बाबुओं के विभाग बदलने की तैयारी चल रही है। जिसको लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में सुगबुगाहट भी तेज हो गई हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में विभागों के मठाधीश बने बाबुओं की विदाई होगी।
बरसों से बैठे हैं कुर्सी पर
कलेक्ट्रेट के विभिन्न विभागों में ऐसे बाबू हैं जो 10 साल 15 साल से एक ही कुर्सी पर जमे हुए हैं, और पूरे विभाग को अपने इशारों पर चलते हैं । अधिकारियों की कुर्सियां तो बदलती रहती है लेकिन बाबू जहां के तहा जमे हुए है। जिसके चलते कई गोलमाल भी सामने आए हैं जिसको लेकर कलेक्टर तक भी शिकायतें पहुंची है। अब इस तरह की तैयारी हो रही है कि मठाधीशों को विभागों से बाहर किया जाए। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह की शिकायते सामने आई हो, पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं लेकिन किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने बड़ी सर्जरी करने की कोशिश नहीं की। जबकि कलेक्टर दीपक सक्सेना की कार्यप्रणाली दूसरों से अलग है और निर्णय लेने की मजबूत इच्छा शक्ति है ऐसे में उम्मीद की जा रही है सर्जरी कारगर सिद्ध होगी।
नहीं मिल रहे दस्तावेज
इस समय कलेक्ट्रेट कार्यालय में दस्तावेजों को लेकर कई शिकायत है सामने आ रही हैं। जबकि पुराने प्रकरणों के निपटारे को लेकर कलेक्टर द्वारा कढ़ाई की गई तो अधिकारियों द्वारा कचरे में पड़ी हुई फाइलों को खंगालना शुरू किया तो उनमें से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज ही गायब है। जिसको लेकर कलेक्टर खुद रिकॉर्ड रूम पहुंचे और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की नसीहत दी। लेकिन इस पूरे मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन जमीनों में गलत तरीके से नामांतरण हुए हैं उनके पुराने रिकॉर्ड को गायब कर दिया गया है ऐसे में फरियादी अपनी ही जमीन के दस्तावेज निकालने के लिए भटक रहे हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रिकॉर्ड रूम के बाबुओं की है जो इस पूरे खेल में शामिल है।
तहसीलों पर भी नजर
बाबू के मामले में सिर्फ कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित विभागों पर परिवर्तन की तलवार नहीं लटक रही है। जानकारी के अनुसार तहसील कार्यालय में भी जो लोग लंबे समय से एक ही जगह जमे हुए हैं उनके ट्रांसफर भी किए जाएंगे। विभागों की मनमर्जी की एक बानगी तो अधारताल तहसील कार्यालय है जिसकी कारगुजारी जग जाहिर है ।बइसके अलावा गोरखपुर, जबलपुर तहसील, रांझी, पाटन ,सिहोरा, कुंडेश्वर, शाहपुरा तहसील में पदस्थ बाबुओं की सूची भी तैयार हो रही है।