इंदौरकटनीग्वालियरजबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

पुलिस का चीता अब नहीं पीता, कंडम हो चुके वाहनों और विभाग के आदेश के बीच चकरघिन्नी बने ” चीता मोबाइल”

जबलपुर यश भारत। चीता” मोबाइल, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, एक ऐसी पुलिस सेवा है जो आपातकालीन स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए बनाई गई है। यह सेवा विशेष रूप से शहर के उन क्षेत्रों में, जहां पहुंचना मुश्किल होता है, जैसे कि संकरी गलियां या भीड़-भाड़ वाले इलाके, में प्रभावी है। परंतु अब चीता मोबाइल वाहनों की स्थिति बहुत ही खराब है हर थाना एवं चौकी को दो-दो चीता मोबाइल गाड़ियां उपलब्ध करवाई गई थी ।धीरे-धीरे मरम्मत के अभाव में चीता वाहन कंडम हो गए जिसके बाद पुलिस कर्मचारी अपने स्वयं के वाहन में पेट्रोल डलवाकर पेट्रोलिंग का कार्य किया करते थे। परंतु कुछ दिन पूर्व पुलिस विभाग में एक आदेश के आने के बाद इन कर्मचारियों में खलबली मच गई ।सूत्रों के अनुसार विभाग के ही एक अधिकारी ने प्राइवेट वाहनों में पेट्रोल की पर्ची काटने से मना कर दिया है अर्थात अधिकारी ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर चीता मोबाइल की गाड़ियों में पेट्रोल डलवाना है तो चीता के वाहन(सरकारी) लाने पड़ेंगे। कंडम हो चुके वाहन और विभाग के आदेश के बीच इन कर्मचारियों की भद पिट गई है

मरम्मत के अभाव में खराब पड़े चीता मोबाइल- दबे शब्दों में पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि एक तो पेट्रोलिंग करने के लिए हम स्वयं के वाहनों का उपयोग करते हैं जिसमें की मरम्मत का खर्च उन्हें बड़ी मुश्किल से नसीब हो पता है अब जहां पर सरकारी चीता मोबाइल खराब हैं उन्हें लकार कैसे पेट्रोल डलवाए ।काफी सालों से इन गाड़ियों की सर्विसिंग भी नहीं हुई है जिसके चलते यह गाड़ियां चलाने लायक काम नहीं रही है।

हर थाने में लगभग चार से पांच चीता मोबाइल वाहन

वहीं दूसरी तरफ अगर देखा जाए तो पुलिस विभाग द्वारा हर थाने में लगभग चार चीता मोबाइल दी गई हैं जिस पर की पुलिस के कर्मचारी लगातार संकरी गलियों में इन्हीं चीता मोबाइल से पेट्रोलिंग करते हैं परंतु लगातार चोरी की घटनाएं सामने आने के बाद पेट्रोलिंग की भी स्थिति के दावे लगातार खोखले नजर आ रहे हैं और इन गाड़ियों से पेट्रोलिंग करना भी पुलिस के लिए अब मुश्किल हो गया है

15 लीटर पेट्रोल मिलने का है प्रावधान

वही मामले को लेकर कुछ बड़े अधिकारी बताते हैं की चीता मोबाइल में पेट्रोल मिलने के अलावा पुलिस कर्मचारियों को उनके वाहनों में चलने के लिए एक माह मे 15 लीटर पेट्रोल अलग से देने का प्रावधान है जो की बाकायदा बिल देने के बाद इन्हें प्राप्त होता है अब इसका उपयोग पुलिस कर्मचारी किस प्रकार करते है वह उन पर निर्भर करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button