जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

विदेशों में पहुंचने वाला मटर पड़ा कचरे के ढेर में, बेमौसम बारिश ने बर्बाद कर दी मटर की फसल

जबलपुर यशभारत। जबलपुर जिसका मटर विदेश तक पहुंचता था लेकिन आज वहीं मटर सडक़ों पर कचरे की ढेर में पड़ा हुआ नजर आ रहा है। जिसकी अब कोई भी कीमत देने को तैयार नहीं है। किसानों द्वारा मटर को ना ही सरकार द्वारा खरीदा जा रहा है और ना ही निजी व्यापारी इसको खरीद रहे हैं। जिसके कारण अब किसान अपनी फसल लेकर जाए तो जाए कहां? वहीं कुछ किसानों की मटर की फसल बेमौसम हुई बरसात के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है जिन किसानों ने मटर को मंडी में बेचने के लिए लाया गया था वह भी अब सडक़ों पर पड़े हुए नजर आ रहे हैं। जिसके कारण किसानों को इस बार मटर की फसल में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कृषि उपज मंडी में विगत दिनों किसानों द्वारा प्रदर्शन के बाद अब मंडी सब्जी व्यापारी संघ ने अनिश्चितकाल के लिए मटर खरीदी पर रोक लगा दी है। घटना से जिले के किसानों और व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
700 रूपए का आश्वासन बोरे में बंद
विगत दिनों हुए सहजपुर और जबलपुर की कृषि उपज मंडी में हंगामे और प्रर्दशन को शांत करने के लिए 700 प्रति बोरा के हिसाब से मटर खरीदने को लेकर मुआवजा देने का आश्वासन किसानों को दिया गया था। लेकिन अब वह आश्वासन भी बंद पड़े हुए बोर में पड़ा हुआ है। जिसकी ना ही इसके ऊपर कोई आगे कार्यवाही हुई है और ना ही किसानों के मटर को मंडियों में खरीदा जा रहा है। जिसके कारण किसानों अपनी मटर की फसल को लेकर काफी चिंतित नजऱ आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ व्यापारी जो मटर की खरीदी कर रहे थे, उन्होंने भी अब मटर खरीदना बंद कर दिया है। जिसके कारण किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बड़ा नुक़सान होने की संभावना

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जिले के कई गावों में तो मटर की पैदावार कुछ ही समय पहले ही हुई है जिसके अभी फूल आना शुरु हुए हैं। लेकिन अगर फिर से बारिश हुई तो किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर जायेगा। अगर मौसम साफ नहीं हुआ तो जो मटर किसानों द्वारा लगाया गया है वह भी पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा और किसानों को बहुत बड़ा नुकसान होने की संभावना है। इसके अलावा जिन किसानों ने मटर की पैदावार कर दी है, वह किसान इन दिनों मटर की स्थिति को देखते हुए काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।

मंडियों से नदारद हुआ मटर

पिछले दिनों से मटर की स्थिति को देखते हुए किसानों के अंदर काफी मायूसी छाई हुई है। मटर के उचित रेट ना ही कृषि उपज मंडी में मिल रहे हैं और ना ही सहसपुर की बड़ी मटर मंडी में मिल रहे हैं। जिसके कारण किसानों ने अभी मटर की फसल को ऐसे ही छोड़ दिया है ना ही उसकी तुड़ाई करवा रहे हैं और जो मटर तुड़ाई करके रखा गया है उसको मंडियों तक नहीं पहुंचा रहे हैं।
सहजपुर मंडी में नहीं, सडक़ किनारे हो रही तुलाई
मंडियों में खरीदी बंद होने के कारण कई किसान अपना मटर लेकर भटक रहे हैं। वहीं सहसपुर के रेलवे फाटक के पास ट्रैक्टरों की लाइन लगी हुई है और वहीं पर सडक़ किनारे व्यापारी किसानों द्वारा लाए गए मटर को खरीद रहे हैं। जानकारी के अनुसार सहजपुर की मंडी में खरीदी बंद होने के कारण व्यापारी सडक़ किनारे पर ही किसानों का मटर खरीद रहे हैं।

बारिश में मटर हो गया है गीला

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पिछले दिनों से हो रही बारिश के कारण किसानों का मटर खेतों में ही पूरी तरह से गीला हो गया है। वहीं जो मटर तुड़ाई करके किसानों ने रखा था, वह भी बारिश के कारण भींग किया है। जिसको लेकर जब किसान व्यापारी और मंडियों में पहुंचता है तो वह भी लेने से साफ इनकार कर देते हैं। किसानों द्वारा बोए गए मटर की अब कोई भी कीमत देने को तैयार नहीं है और वह अब दर-दर भटक रहे हैं। इसके अलावा जिनकी फसल अभी भी लगी हुई है वह भी किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं क्योंकि कुछ जगहों पर मटर पूरी तरह से खराब हो चुका है।

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