
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आधिकारिक आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में, दोनों नेताओं ने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति, हमले के संभावित परिणामों और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना पर विस्तार से चर्चा की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।
बैठक के मुख्य बिंदु:
- सुरक्षा स्थिति का आकलन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्पन्न सुरक्षा स्थिति का विस्तृत आकलन प्रस्तुत किया। उन्होंने हमले के बाद उठाए गए कदमों और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी।
- सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा: दोनों नेताओं ने पाकिस्तान की ओर से होने वाले सीमा पार आतंकवाद पर भी गहन चर्चा की। उन्होंने भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए रणनीति बनाई और इंटेलिजेंस इनपुट पर भी चर्चा की।
- संभावित कठोर प्रतिक्रिया: बैठक में, पाकिस्तान के खिलाफ संभावित कठोर प्रतिक्रिया पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसमें राजनयिक, आर्थिक और सैन्य विकल्पों सहित विभिन्न विकल्पों पर चर्चा हुई।
- उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा: रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती, ऑपरेशनल तैयारियों और सुरक्षा ग्रिड की मजबूती के बारे में भी अवगत कराया।
पहलगाम हमला: विवरण और प्रतिक्रिया:
- 22 अप्रैल को हुए इस बर्बर हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें पर्यटक और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। यह हमला दोपहर करीब 2 बजे बैसरन घास के मैदान में हुआ।
- यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे।
- भारत सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया है।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच कर रही है और सुरक्षा बल क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे हैं।
- 23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने हमले के संबंध में कदम उठाने के लिए बैठक की।
- सीसीएस को दी गई जानकारी में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया है।
- इसके बाद से भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया है।
आगे की कार्रवाई और संभावित परिणाम:
- सूत्रों के अनुसार, सरकार इस हमले के जवाब में कठोर कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
- सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत सरकार इस हमले के विरुद्ध अपना पक्ष मजबूत कर रही है।
- पाकिस्तान के उच्चायोग में नियुक्ति किये गए कुछ कर्मचारियों को वापिस बुलाया गया है।
- भारत सरकार इस हमले को लेकर बहुत ही गंभीर है और उचित समय पर उचित कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और अधिक तनाव आने की संभावना है।
- सरकार इस हमले के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए कदम उठाएगी।