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प्राइवेट स्कूलों की खुली जनसुनवाई अवैधानिक, न्यायालय ने लगाई रोक

जिला समिति निजी विद्यालयों के फीस विनिमय की जांच कर सकती है

जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने निजी स्कूल फीस के मामले में एक अपील पर सुनवाई के बाद कहा कि जनसुनवाई या खुली सुनवाई करना स्कूल संचालकों से अवैधानिक है। माननीय न्यायमूर्ति विवेक रूसिया एवं माननीय न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला ने फैसला सुनाते हुए जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि आगामी कार्रवाई में नियमानुसार ही स्कूल प्रबंधकों से पूछताछ की जाए। कोर्ट ने कहा कि मप्र निजी विद्यालय तथा संबंधित विषयों का विनियम अधिनियम 2017 की धारा 9 की उपधारा 5 में जो प्रक्रिया निहित है उसके अनुसार जिला कमेटी को नोटिस देने व दस्तावेज बुलाने का अधिकार है, लेकिन सार्वजनिक तौर पर प्रबंधन को जवाब देने बाध्य नहीं किया जा सकता है। शहर के सेंट जोसफ कान्वेंट लिटिल किंगडम स्कूल, स्टेमफील्ड सहित अन्य निजी स्कूलों की ओर से हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की गई थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने 2 सितंबर 2024 को उक्त स्कूल अपीलकर्ताओं ने कोर्ट द्वारा 9 सितंबर2024 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए वर्तमान अपील दायर की थी अपीलकर्ताओं कीओर से तर्क था कि अधिनियम  के तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों द्वारा विनियमित होती है। लेकिन समिति एक सार्वजनिक सुनवाई कर रही है, जिसमें छात्रों के अभिभावकों का कोई भी प्रतिनिधि उपस्थित होकर अपीलकर्ता के स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ निराधार आरोप लगा रहा है। 18 स्कूलों को एक बार में बुलाया गया । रिट याचिका में लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए संशोधित सावधानी के माध्यम से, समिति के सदस्य सचिव को पूरी कार्यवाही रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया गया। पीठ ने व्यवस्था दी कि अपीलकर्ताओं को कानून के अनुसार उसे चुनौती देने की स्वतंत्रता होगी। भविष्य में, यह निर्देशित किया जाता है कि जिला समिति उक्त अधिनियम, 2017 की धारा 9 के प्रावधान प्रावधानों के तहत म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंध विषयों का विनियमन) नियम 2020 के नियम 9 के साथ कड़ाई से कार्यवाही करेगी। अधिनियम की धारा 9(5) में स्पष्ट और सरल प्रक्रिया निर्धारित की गई है, जिसके अनुसार समिति छात्रों या छात्रों के माता-पिता या अभिभावकों द्वारा की गई शिकायत की जांच करेगी। धारा 9 में यह अनिवार्य है कि जिला समिति अधिनियम, 2017 और उसके तहत बनाए गए नियमों के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन की जांच करेगी। जिला समिति किसी भी प्रावधान के उल्लंघन का स्वप्रेरणा से संज्ञान भी ले सकती है और उसकी जांच कर सकती है।  समिति को किसी भी कार्यालय को उस निजी स्कूल के परिसर में प्रवेश करने के लिए अधिकृत करने का भी अधिकार है, जिसके खिलाफ जांच शुरू की गई है। अधिकारियों को दस्तावेजों की तलाशी लेने, निरीक्षण करने और जब्त करने का अधिकार होगा।

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