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लो पापा से बात कर लो… साइबर थाने की प्रभारी की बेटी से ही ठगों ने ठग लिए रुपए, पुलिस महकमा शॉक्ड

ग्वालियर: मध्य प्रदेश में साइबर ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां साइबर प्रभारी के ही घर ठगी हो गई। ठगों ने प्रभारी की बेटी स्नेहा को फोन करके 87,794 रुपए ऐंठ लिए। ठग ने खुद को प्रभारी का दोस्त बताकर स्नेहा से पैसे मांगे। यह घटना तीन दिन पहले हुई। स्नेहा नीट की तैयारी कर रही हैं।

अनजान नंबर से आया कॉल

यह घटना उस समय हुई जब स्नेहा कंपू स्थित पुलिस रेजीडेंसी आवास पर थीं। उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह उनके पिता का दोस्त है और पिताजी बाद में बात करेंगे। कुछ देर बाद फिर से उसी नंबर से फोन आया और कट गया। स्नेहा ने उस नंबर पर वापस कॉल किया। फोन उठाने वाले ने कहा कि लो पापा से बात करो।

पापा को तुरंत है 90,000 रुपए की जरूरत

कुछ देर बात करने के बाद फोन किसी और ने ले लिया। उसने स्नेहा से कहा कि उनके पिता को 90,000 रुपए की तत्काल जरूरत है और वह PhonePe के जरिए पैसे भेज दे। स्नेहा ने बिना कुछ सोचे-समझे 87,794 रुपए ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उन्होंने अपने पिता को फोन किया तो उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है।

पिता ने पूछा कौन से रुपए

स्नेहा ने अपने पिता, इंस्पेक्टर हितेंद्र सिंह राठौर, को पैसे मिलने की पुष्टि करने के लिए फोन किया। हितेंद्र सिंह राठौर ने पूछा कि कौन से रुपए? स्नेहा ने बताया कि उनके एक दोस्त का फोन आया था, जिसने पैसे ट्रांसफर करने को कहा था। इस पर हितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि उनकी किसी से बात नहीं हुई है। तब स्नेहा को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।

पुलिस महकमे में मचा हड़कंप

इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया और मामला दर्ज कर लिया गया। एएसपी आयुष गुप्ता ने बताया कि जिस खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं, उसकी जानकारी बैंक से ली जा रही है। मोबाइल नंबर की भी डिटेल मंगाई गई है। दोषियों को पकड़ने के लिए दो टीमें बनाई गई हैं।

पिता ने नहीं सुनी ध्यान से बात

स्नेहा ने ठग का फोन आने पर अपने पिता को फोन किया था। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त का फोन आ रहा है। लेकिन उनके पिता ने व्यस्तता के कारण पूरी बात सुने बिना ही फोन काट दिया। यदि उन्होंने स्नेहा की बात ध्यान से सुनी होती, तो शायद यह ठगी टल सकती थी।

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