अब धूप हैं नेता जी,….ठंड के दाम तो मिले नहीं
कितनी धूप थी, भीड़ भी फिर अपन सब काम धाम छोड़कर नेता जी बुलावे में पहुंचे थे… अपन से कहा था कि 100 -100 रूपए मिलेंगे… पर कार्यक्रम हुए तो कई महिना हो गए 10 रूपए तक नहीं मिले… सुन री…अब अपन को उनके किसी कार्यक्रम में नहीं जाना है। कुछ इस तरह की कानाफूंसी भाजपा नेता जो काफी दमदार हैं उनके क्षेत्र की महिलाओं के बीच हो रही हॅै। महिलाएं जनप्रतिनिधि से नाराज है, वह किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहती है। मुख्यमंत्री कार्यक्रम में भीड़ दिखाने के लिए जब मंडल कार्यकर्ता महिलाओं के बीच पहुंचे तो महिलाओं ने कह दिया भैया अब नहीं जाएंगे कोई भी कार्यक्रम, पैसा देते नहीं हो, पूरा काम छोड़कर जाते हैं घंटों खड़े रहते हैं।
पंडि़त जी क्या करोगे पैसे का,समझा लो महिलाए ही तो हैं
महिलाओं को पैसा लालच देकर एक पंडि़त जी और भाजपा कार्यकर्ता नेता जी के पास पैसा लेने पहुंचे तो विधायक जी ने टका सा जवाब दिया कि पंडि़त क्या करोगे पैसे का, महिलाएं हैं समझा लो। अब पंडि़त जी शहर द्मद्ग नेता द्भद्ब के निवास ऐसे ही खाली हाथ गांव लौट आए। अब जब पंडि़त घर पहुंचे तो महिलाएं उनके दरवाजे में खड़ी मिली, सभी को लगा था उनकी मेहनत मिल जाएगी, पंडि़त जी पैसा लेकर आ गए। लेकिन पंडि़त जी का लटका हुआ चेहरा जब महिलाओं ने देखा तो वे समझ गई कि पंडि़त जी को ज्ञान पेल दिया है इसलिए महाराज का मुंह लटका हुआ है।
कांग्रेस का काम कर लेता तो अच्छा था
वादाखिलाफी से परेशान पंडि़त अब अपनी किस्मत को कोस रहे हैं, अब उन्हें लगने लगा कि कांग्रेस का काम कर लेते तो अच्छा था। पंडि़त जी का मन भी दुखी है, वह भी किसी कार्यक्रम में नहीं जाना चाहतें हैं यहां तक कि सीएम कार्यक्रम से भी पंडि़त जी ने दूरी बना ली है।