जबलपुर नारकोटिक्स में डॉग स्क्वॉड ही नहीं : लंबे समय से जूझ रही पुलिस, केवल 5 डॉग के सहारे हो रही अपराधों की समीक्षा

जबलपुर, यशभारत। जबलपुर पुलिस यूं तो मजबूत और मुस्तैद है। नारकोटिक्स जैसे संगीन अपराधों की विवचेना में पुलिस को उस वक्त पसीने छूट जाते है जब डॉग स्क्वॉड की कमी खलती है। यहां फिलहाल पांच डॉग है, लेकिन नारकोटिक्स अपराधों की समीक्षा करने एक भी डॉग नहीं । इतना ही नहीं डॉग स्कॉड के बेडे में वर्तमान में करीब 3 डॉगों की कमी है। जिससे चलते कई बार पुलिस आरोपियों को दबोचने खाक छानती रहती है।
डॉग स्क्वॉड प्रभारी चंदूलाल सुमन ने बताया कि फिलहाल जबलपुर में पांच डॉग है। जो चोरी और नकबजनी के साथ ही साथ बम निरोधक दस्ते के साथ चलते है। लेकिन नारकोटिक्स के घटित अपराधों में आरेापियों तक पहुंचकर सुराग लगाने फिलहाल दल में एक भी डॉग नहीं है।
नारकोटिक अपराध
शहर में अफ ीम, चरस, गांजा जैसे मादक पदाथज़् जिनसे मानव जीवन को खतरा है और इनका सेवन करने से व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। सभी नारकोटिक अपराधों की श्रेणी में आते है। जो संगीन है।
मध्यप्रदेश नारकोटिक्स विभाग
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ नारकोटिक्स, इंटेलिजेंस सेल, इंदौर में स्थित है। जो समय
समय पर कार्रवाई करने के साथ ही साथ डेटा कलेक्ट करती है और अभियानों के माध्यम से नागरिकों को जागरुक करती है। यह भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ख़ुफिया एजेंसी है जिसका कार्य देश में अवैध तरीके से हो रही ड्रग्स एवं मादक पदार्थोंं की तस्करी एवं दुरूपयोग को रोकना और दोषियों को सजा दिलाना है।
इन्होंने कहा….
जबलपुर में 5 डॉग कार्यरत है। जिसमें से 3 बम स्कॉड है और दो डॉग चोरी और नकबजनी के अपराधों में आरोपियों को दबोचता में कार्य में लिए जाते है। लेकिन नारकोटिक्स में एक भी डॉग नहीं है।चंदूलाल सुमन, डॉग स्कॉड प्रभारी