जबलपुरमध्य प्रदेश

राहगीरों के लिए चलते-फिरते यमदूतों पर नहीं पड़ रही किसी की नजर, आरटीओ दे रहे कैंप का हवाला

जबलपुर, यशभारत। देश ही नहीं प्रदेश की यही बानगी है कि जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है तब नियम और कानून की किताबों को उलट-पलटकर देखा जाता है। नहीं तो सारे नियमों को ताक पर रखकर नियमों के टूटने और तोड़े जाने का सिलसिला बरकरार रहता है। हम बात कर रहे हैं कि सड़कों पर दौड़ने वाले बिना रजिस्ट्रेशन नंबर वाले हाइवा जैसे भारी वाहनों की। बीत सप्ताह अज्ञात वाहनों द्वारा सड़क दुर्घटना में कई युवकों की जानें जा चुकी हैं, कई घायल भी हैं। यातायात पुलिस जहां बिना हेलमेट और सीटबेल्ट वाले वाहन चालकों पर जगह-जगह प्वाइंट लगाकर चैकिंग में व्यस्त है…लेकिन बिना नंबर वाले इन हाइवा पर किसी की नजर नहीं पड़ती।

शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक बिना नंबर प्लेट के वाहन धमा चौकड़ी मार रहे हैं और परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। भारी वाहन एवं चार पहिया वाहनों में इन दिनों लोग नंबर प्लेटों पर नंबर की जगह राजनीतिक दलों व विभागों के नाम लिखवाने का दौर चरम सीमा पर चल रहा है बावजूद इसके जबलपुर आरटीओ विभाग के अफसर की उदासीनता की वजह से चालक बेखौफ वाहन दौड़ा रहे हैं। वाहनों के आगे और पीछे दोनों ओर प्लेटों पर नंबर लिखवाने का नियम है। प्लेट पर किसी प्रकार की कोई डिजाइन न होकर केवल स्पष्ट निर्धारित आकार में सामान्य तरीके से नंबर लिखे होने चाहिए। लेकिन जिले में चालक नियमों की अवहेलना कर बेखौफ वाहन दौड़ा रहे हैं। कुछ वाहनों पर तो प्लेट पर लिखे नंबर भी स्पष्ट तरीके से नहीं लिखे होते हैं।
उल्लेखनीय की वाहनों पर सवार लोग जांच के दौरान राजनीतिक पार्टी व विभागीय कर्मचारी होने का रौब भी दिखाते हैं। अधिकांश वाहनों पर तो नंबर इतने स्टाइलिश तरह से लिखे होते हैं कि कोई नंबर ही नहीं समझ पाता है। वहीं कई वाहनों पर नंबर प्लेट भी अलग तरह के डिजाइन के लगे होते हैं। किसी वाहन का नंबर प्लेट चमकदार तो किसी की छोटे साइज व अन्य डिजाइनों में लगे होते हैं। इसके चलते प्लेटों पर लिखे नंबर स्पष्ट ही नहीं होते।
इनका कहना है…
ऐसे वाहन चालक जिनकी गाड़ियों में नंबर प्लेट नहीं है या उसकी जगह कुछ और लिखा हुआ है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है इसके साथ ही आरटीओ ऑफिस में भी नंबर प्लेट का कैंप लगाया गया है वाहन चालक के यहां आकर अपनी गाड़ी में नंबर लिखवा सकते हैं।
जितेंद्र सिंह रघुवंशी, आरटीओ,जबलपुर

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