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जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

उच्च शिक्षा विभाग का नया फार्मूला, जहां कम प्रोफसर वहां दूसरे काॅलेजों के प्रोफेसरों की जिम्मेदारी

 

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जबलपुर यशभारत। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे नए महाविद्यालयों में अब अन्य शासकीय कॉलेज के प्रोफेसरों को कमान सौंपी जा रही है। इन कॉलेजों में प्रोफेसर अध्यापन करवाने के साथ व्यवस्थापन की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। नए कॉलेजों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने नया फार्मूला निकाला है। आयुक्त उच्च शिक्षा ने इसके निर्देश जारी किए हैं। अब प्रोफेसरों को अपनी कक्षाओं के साथ ही दूसरे कॉलेजों में भी जाकर पढ़ाना होगा।

सप्ताह में तीन दिन लेनी होंगी कक्षाएं
उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकों को इस व्यवस्था से जोडाघ् गया है। प्राध्यापक को प्रत्येक सप्ताह में 3 दिवस के लिए अध्यापन कार्य करना होगा। हर कॉलेज से एक प्रोफेसर को कॉलेज की जवाबदारी भी सौंपी गई है। हालांकि यह व्यवस्था नवीन शासकीय महाविद्यालयों में की जा रही है।

अतिथि विद्वान भी नहीं मिले
कॉलेजों में शिक्षण कार्य के लिए अतिथि विद्वान की नियुक्ति प्रक्रिया हाल ही में शुरू की गई है लेकिन नए कॉलेजों में पढ़ाने के लिए अतिथि विद्वान भी नहीं मिले हैं। शासकीय डिग्री कॉलेज गढ़ा में विज्ञान, वाणिज्य एवं कला संकाय शुरू किया गया है। यहां पांच अतिथि विद्वान पहुंचे हैं तो वहीं कला संकाय के शासकीय कॉलेज चरगंवा एवं शासकीय कॉलेज शहपुरा में मात्र एक अतिथि विद्वान मिला है। हालंकि इन कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया अभी संचालित की जा रही है।

जिले में 36 पदों पर होनी है नियुक्ति
जिले में नए शासकीय महाविद्यालय शुरू किए गए हैं। इसमें गढ़ा, शहपुरा एवं चरगंवा शामिल हैं। इन नवीन महाविद्यालयों में 36 पदों पर शैक्षणिक अमले की पदस्थापना की जानी है। जिसमें प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक के पद शामिल हैं। गढा कॉलेज में 22 तो वहीं बाकी दो कॉलेजों में 14 पदों को स्वीकृत किया गया है। फिलहाल नियुक्ति की प्रक्रिया नहीं हो सकी है। जबकि कॉलेजो का संचालन शुरू कर दिया गया है।

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