Netaji Subhash Chandra Bose Medical Hospital: जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल-कॉलेज के बाबू-नर्सिंग मामले में नया मोड़ सामने आया है। दरअसल फर्जी तरीके से नर्सिंग का प्रमाण पत्र पाने वाली नर्सिग ऑफिसर और बाबू की जांच के लिए मेडिकल प्रबंधन ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके तहत शिकायकर्ता और एनएसयूआई की राष्टीय महासचिव देवकी पटेल को कमेटी के सामने आज पेश हुई। इस दौरान जांच कमेटी के सदस्यों ने बाबू-नर्सिंग ऑफिसर पर कार्रवाई करने की वजाए उसका पक्ष लेना शुरू कर दिया। इससे शिकायतकर्ता उखड़ गई और उन्होंने नई कमेटी गठित करने की मांग करते हुए कहा कि यह मामला छोटा नहीं है गलत काम करने वाले दोनों को बचाया जा रहा है इस मामले वह राजभवन तक जाएगी और हो सकेगा तो भोपाल तक में विरोध प्रदर्शन करेंगी।
एनएसयूआई की देवकी पटेल ने आरोप लगाते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज में पदस्थ लिपिक आशीष लाल एवं नर्सिंग स्टाफ से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर प्रोफेसर बनने वाली ज्वाला सिंह के विरुद्ध एनएसयूआई को देवकी पटेल द्वारा शिकायत की गई थी, जिसमे बाद आरोपों की जांच हेतु डॉक्टर रीति सेठ की अध्यक्षता गठित जांच कमेटी के समक्ष एनएसयूआई के पदाधिकारी सोमवार को उपस्थित हुए तो कमेटी के सदस्य डॉ. राकेश गढवाल जो सदस्य रुचिर खरे उपस्थित थे।
सहायक अधीक्षक ने किया बचाव
कमेटी को आरोपों से अवगत कराने पर कमेटी सदस्य डॉ. राकेश गढवाल जो को सहायक अधीक्षक हैं। जिनके आधीन बाबू आशीष लाल कार्यरत हैं के द्वारा बाबू आशीष लाल एवं नर्स ज्वाला के विरुद्ध शिकायत की जांच के बजाए अपने कर्मचारी के पक्ष में उन्हे निर्दोष बता कर अनायावश्यक रुप से संगठन पदाधिकारी पर दवाव बना रही थी। एंव कमेटी को दस्तावेज दिखाने के बाद भी कर्मचारीयो को ईमानदार व निर्दोष दिखा रही हैं। कमेटी को बस खानापूर्ति के लिये दिखाने के लिये बनाई गई हैं, संगठन कमेटी सदस्यो की कार्यप्राणी से पूर्ण असतुष्ट है। एनएसयूआई की देवकी पटेल ने कहा की एनएसयूआई शीघ्र कमेटी की शिकायत आयुक्त महोदय से करेगे। नवीन कमेटी गठित की जाये एंव कर्मचारी के पहुंच से दूर रहे एंव अन्य चिकित्सालयो से अधिकारियो का चयन कर निष्पिक्ष जांच के लिये कमेटी गठित की जाये। आज दिनांक तक ज्वाला चौकीकर प्रोफेसर पद पर और आशीष लाल लिपिक के रूप में ही कार्यरत जिन्हे जांच के दौरान पद से अलग किया जाए।