आने वाले दो से ढाई साल में हर घर में पहुंचेगा नर्मदा का पानी : महापौर
सभी पार्षदों की समस्याएं सुनकर महापौर ने दिलाया निराकरण का भरोसा

विपक्ष ने जलप्लावन-जलसकंट का उठाया मुद्दा, नगर निगम की साधारण सभा की बैठक संपन्न
जबलपुर,यशभारत। सोमवार को नगर निगम निगम परिसर स्थित पं. भवानी प्रसाद तिवारी सभाकक्ष में साधारण सभा की बैठक शुरू हुई जिस दौरान सभी पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड की समस्याओं से महापौर को अवगत कराया और जल्द से जल्द निराकरण करने की मांग की। जिस पर महापैार ने सभी पार्षदों की समस्याओं को धीरज से सुना और उन्हें उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। बैठक के अंत में महापौर ने सभी पार्षदों के प्रति आभार व्यक्त किया।

महापौर ने ये कहा…
महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने साधारण सभा की बैठक के दौरान कहा कि उन्होनें बैठक में सभी पार्षदों के वार्ड की समस्याओं को धीरज से सुना और उनकी शिकायतों को जल्द से जल्द निराकरण करने की बात करके पार्षदों को विश्वास दिलाया कि उनके क्षेत्र में समस्या को जल्द दूर किया जाएगा। नगर निगम जबलपुर शहर को महानगर बनाने के प्रयास में लगातार प्रयास कर रही है। आने वाले दो ढाई साल में शहर के हर घर में नर्मदा जल पहुंचेगा इसके लिए 284 करोड़ रुपए के विकास कार्य किए जाएंगे। जलप्लावन के संबंध में महापौर ने कहा कि अंग्रेजों के समय से शहर में जो बड़े नाले 100 फीट के हुआ करते थे उन्हें भाजपा कार्यकाल के समय जिम्मेदारों द्वारा 15 से 20 फीट का संकुचित करके छोड़ दिया है। इस कारण जलप्लावन हो रहा है इससे निपटने प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले 3 से 5 सालों में जबलपुर को इंदौर की तर्ज पर स्वच्छ बनाये जाने की बात पर मुहर लग जाएगी। शहर में सफाई व्यवस्था दुरूस्त कर दी गई है वहीं जलसंकट को भी दूर किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने ये कहा….
नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने साधारण सभा बैठक में जलप्लावन और शहर में व्याप्त जलसंकट का मुद्दा उठाया और कहा कि नगर निगम में भ्रष्टाचार व्याप्त हो रहा है। कर्मचारियों का ड्यूटी के दौरान भौतिक सत्यापन नहीें किया जा रहा है। कर्मचारी 10 आते हैं और पेमेंट 70 की बन रही है, रुपए कहां जा रहे इसका कोई जवाब किसी के पास नहीं है। शहर की सड़कों में आवारा पशुओं के जमावड़े को हटाने निगम के कैटल वाहन और जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हो रही है जिससे आए-दिन जानवर और लोग घायल हो रहे हैं। भाजपा महिला पार्षदों की शिकायतें सुनने वाला कोई नहीं है।