MP में बिजलीकर्मी आज हड़ताल पर:35 हजार आउटसोर्स के जिम्मे है वसूली-मेंटेनेंस का काम, हड़ताल से असर; कंपनी में मर्ज करने की मुख्य मांग
MP में बिजली कंपनी के करीब 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। कंपनी में मर्ज, वेतन-भत्ता समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर उनकी यह हड़ताल है। इस कारण बिल वसूली-मेंटेनेंस जैसे कामों पर असर पड़ेगा। वे प्रदेशभर में मंत्रियों और विधायकों को ज्ञापन भी सौंप रहे हैं।
मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के बैनरतले कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने बताया कि मध्यप्रदेश में 35 हजार आउटसोर्स एवं 6 हजार संविदा कर्मचारी है, जो हड़ताल पर चले गए हैं। भोपाल-इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर समेत सभी जिलों में प्रदर्शन किया जा रहा है। विभाग में पिछले 30 साल से कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई है। आउटसोर्स कर्मचारियों से ही काम लिया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार की मनमानी से वे परेशान हैं। भोपाल में तो अप्रैल महीने के बाद से ही PF का पैसा जमा नहीं कराया गया है। वहीं कर्मचारियों की तंख्वाह में से मनमानी राशि भी काटी जा रही है। इसे लेकर समय-समय पर CM, मंत्री और अफसरों से मांग की गई। बावजूद कोई निराकरण नहीं किया गया। इसके चलते ही सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है।
मंत्री-विधायकों को सौंप रहे ज्ञापन
प्रांतीय संयोजक भार्गव ने बताया कि सोमवार को प्रदेशभर में मंत्री और विधायकों को मांगों के ज्ञापन सौंप रहे हैं। भोपाल में गोविंदपुरा में कर्मचारी एकत्रित हुए हैं, जो मंत्री-विधायक को ज्ञापन सौंपेंगे। प्रदेशभर में यह आंदोलन किया जा रहा है। भोपाल में केके सोनी, संदीप वाहने, निखिल यादव, मनोज विश्वकर्मा, मनोज कटियार, महेंद्र कुमार, महेश सेन, आनंद मालवीय, राम विश्वकर्मा, संतोष विश्वकर्मा, जगदीश शर्मा,रूपसिंह माली, भगवानदास प्रजापति, मनोज सोनी, आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।
1 महीना पूरा, मांगें नहीं हुई पूरी
आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि मांगों को लेकर 23 अगस्त को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा गया था। उन्होंने 1 महीने के भीतर मांगों के निराकरण के संबंध में निर्णय लेने का भरोसा दिलाया था, लेकिन मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं। इसलिए हड़ताल शुरू की है।
ये मांगें
- आउटसोर्स कर्मचारियों को बिजली कंपनी में मर्ज किया जाए।
- वेतन में बढ़ोतरी की जाए।
- मप्र के बिजली क्षेत्र से ठेकेदारी कल्चर खत्म कर आउटसोर्स रिफार्म नीति बनाई जाए।
- सब स्टेशन ऑपरेटर, पॉवर प्लांट ऑपरेटर, हेल्पर और सुरक्षा सैनिकों को साप्ताहिक अवकाश अनिवार्य रूप से दिया जाए।
- पॉवर ग्रिड और सब स्टेशन व पॉवर प्लांट ऑपरेटरों को कुशल श्रमिक के स्थान पर उच्च कुशल श्रमिक का मासिक मानदेय प्रतिमाह दिया जाए।
- स्वास्थ्यकर्मियों की तरह 3 हजार रुपये का प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाए। ठेका श्रमिकों को बोनस भी दिया जाए।
- 45 साल की उम्र पार कर चुके ठेकाकर्मियों को 60 वर्ष तक सेवा में रखा जाए।
- आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 माह का तकनीकी प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से मिलें।
- आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके गृह स्थान से अधिकतम 5 किमी से अधिक की दूरी पर ट्रांसफर नहीं किया जाए।
- सुरक्षा के सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाए।
- आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन पर्ची, इंश्योरेंस व ईएसआईसी कार्ड की प्रति, ऑफर लैटर, आईडी कार्ड दिए जाए।