MP में निकाय चुनाव पर ‘सुप्रीम’ फैसला : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- रिव्यू पिटीशन लगाएंगे
मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 5 साल में चुनाव करवाना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। 2 हफ्ते में अधिसूचना जारी करें। OBC आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। OBC आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना है। अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्यप्रदेश में OBC वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36% आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20% STऔर 16% SC का आरक्षण रहेगा। जबकि, शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव 27% OBC आरक्षण के साथ कराने की बात कही थी। इसीलिए यह चुनाव अटके हुए थे।
वहीं ताजा घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अभी सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया है। अभी हमने विस्तृत अध्ययन नहीं किया है। OBC आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव हों, इसके लिए रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे और पुन: आग्रह करेंगे कि स्थानीय चुनाव, स्थानीय निकायों के चुनाव OBC आरक्षण के साथ हों।
राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने को तैयार
भोपाल । सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल करने को तैयार हैं। अधिसूचना जारी करने के लिए 15 दिन का समय पर्याप्त है। हम तो आज भी अधिसूचना जारी कर सकते हैं। हमें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार था। अब आदेश आ गया है तो हम फैसले की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं। अगर राज्य सरकार रिव्यू पिटीशन लगाती है तो उस पर आने वाले फैसले का पालन करेंगे।
राज्य सरकार को घेरते हुए कमलनाथ ने कही ये बात
राज्य सरकार को घेरते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है, शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले, इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थी।