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Micro तथा Small units से की गई Purchase का पेमेंट 31st March तक है outstanding, तो आ सकती है बड़ी Tax Liability 

जबलपुर यश भारत। इनकम टैक्स के रिटर्न के लिए प्लानिंग अभी से करना जरूरी है। Micro and small enterprises से की गई Purchase/Expense का Deduction कैसे आपको मिलेगा यह जानकारी जरूरी है। इसी तरह की अन्य जानकारी आपके लिए प्रस्तुत है,,,

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1.माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेस से की गई पर्चेस/ एक्सपेंस का deduction तभी मिलेगा यदि उसका पेमेंट Supplier से तय किये गये Credit Period (Maximum – 45 दिन) मे कर दिया जाता है|

2. यदि कोई Credit Period तय नहीं की गई है तो ऐसे Case में पेमेंट की Terms 15 दिन ही मानी जाएगी। दोनों पार्टी यदि सहमत हो तो भी इस प्रावधान के लिए 45 दिन से अधिक का समय Allowed नहीं होगा।

3. उदाहरण के तौर पर यदि आपकी 1 Crore की Purchase (Grey Fabric/ Yarn/ Sarees/ Packing Material/ Diamond/Ca Fees) का पेमेंट 31st मार्च को 45 दिन से अधिक समय से बाक़ी हैं तो 1 Crore आपकी आय में जुड़ जाएँगे और उसपर लगभग 30-35 लाख तक की Tax Liability आ सकती हैं|

4. Micro enterprise का अभिप्राय ऐसी फ़र्म से है जिसका Plant and Machinery में Investment 1 Crore से ज्यादा नहीं हो और टर्नओवर 5 Crore से ज्यादा नहीं हो|

5. Small enterprise का अभिप्राय ऐसी फ़र्म से है जिसका Plant and Machinery में Investment 10 Crore से ज्यादा नहीं हो और टर्नओवर 50 Crore से ज्यादा नहीं हो|

6. Textile unit/Weaving unit/Embroidery unit/Knitting unit/Garment unit/Digital Printing unit/ CA Firm/Saree Box Manufacturer/Warping/Twisting/Value addition units Micro और Small Enterprise की परिभाषा में आते हैं|

7. यदि पेमेंट 45 दिन से अधिक समय से बाक़ी है किंतु Financial Year समाप्त होने से पहले पेमेंट कर दिया जाता है तो ऐसे case में उसका deduction उसी वर्ष में मिल जायेगा |

8. अगर 45 दिन के बाद पेमेंट किया गया है तो उस स्थिति में जिस वर्ष में पेमेंट किया गया हैं उस वर्ष में उसका deduction मिलेगा |

9. ऐसी यूनिट से की गई Purchase पर ये प्रावधान लागू होंगे चाहे ख़रीददार MSME में रजिस्टर्ड हो अथवा नहीं|

10. यदि Income Tax Scrutiny के दौरान आयकर विभाग के cross confirmation से यह पता चलता है की आपका Supplier Micro या Small unit है और उसका payment Time limit के बाद में किया है तो वह उस समय भी Outstanding payment को Income में Add कर सकता है।

11. यह प्रावधान 1/04/2023 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष से लागू हो गया है|

12. यह सुझाव है कि आप अपने sale invoice में अपना Udhyam रजिस्ट्रेशन नंबर एवं अपनी कैटेगरी (Micro/ Small/ Medium) अंकित कर लेवे जिससे ख़रीददार को आपका Msme के status का पता चल जाये।

 

13. यह Analyse किया है की Group firms के पेमेंट भी outstanding रह जाते है, इसलिए इसका भी ध्यान रखे।

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