मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी कर रही पक्षपात: 6 माह पूर्व थीसिस जमा हुई पर वायवा आज तक नहीं
छात्र नेता ने लगाए आरोप अधिकारी कर रहे अन्य विधा के साथ भेदभाव

जबलपुर, यशभारत। मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की व्यवस्थाओं पर एक बार फिर सवाल खड़े किए गए हैं। इस बार आरोप लगे है कि विवि अन्य विधा के छात्रों के साथ पक्षपात कर रहे हैं। वेसे तो मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत सभी विधा आते हे मगर मेडिकल यूनिवर्सिटी के जि़म्मेदार अधिकारी के अधिकारियों को मेडिकल विधा के अलावा अन्य विधा के साथ भेदभाव की आदत पुरानी है। इसका नतीजा अन्य विधा के छात्र भुगतने पर मजबूर है जिसका जीता जागता उदाहरण आयुर्वेदिक एवं पैरामेडिकल का सत्र लेटपर लेट ओर परीक्षा सारणी का लगातार बड्ना जिसका ख़ामियाज़ा छात्रों को शारीरिक ओर मानसिक ओर आर्थिक रूप से भुगतान पड़ रहा है।
आयुर्वेद की 6 माह पूर्व पीएचडी की थीसिस जमा मगर वायवा परीक्षा आज तक हुआ
आयुर्वेद के एक छात्र जो मेडिकल यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे ने सबसे पहले छ: माह पूर्व थीसिस जाम कर वयवा के लिए आवेदन दिया मगर छ: माह बाद भी आज तक वयवा परीक्षा नही हो सकीं जबकि मेडिकल संकाय की उसके बाद जमा की गई थीसिस की वयवा परीक्षा तो छोड़ो मेडिकल यूनिवर्सिटी ने पीएचडी अवार्ड भी कर दी ओर ओर कई मेडिकल संकाय की वायवा भी हो गये।
अन्य पैथी के छात्रों की तरफ ध्यान नहीं
नर्सिंग छात्र संगठन के अध्यक्ष गोपाल पराशर ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के जि़म्मेदार अधिकारी को मेडिकल के अलावा अन्य पेथी की ओर कोई ध्यान नही हे यूनिवर्सिटी के अधिकारी सालभर संबद्धता नामांकन ओर कोर्ट से संबद्धता नामांकन कराने में व्यस्त रहते है। मेडिकल के अलावा अन्य पेथी की पीएचडी का हाल बेहाल हे कोई सुध नहीं हे आज तक एकेडमिक केलेंडर नही बना परीक्षा का कोई पेैमना निर्धारित नही कब कौन परीक्षा देगा नान अटेंडिंग कालेज चल रहे संगठन आगामी समय में विधानभवन का घेराव करेगा।