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प्रचंड गर्मी गर्म हवाओं की चपेट आएंगे कई राज्य हर जिले में होगी निगरानी, केंद्र ने राज्यों के लिए जारी किए निर्देश

 

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नई दिल्ली , एजेंसी। इस वर्ष अत्यधिक गर्मी और लू के पूर्वानुमान को लेकर सरकार ने हर जिले में निगरानी करने का फैसला लिया है। साथ ही सभी गांवों में लू से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में बुधवार को गर्मी से संबंधित बीमारियों के प्रबंधन को लेकर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि गर्मी और लू की वजह से आने वाले मामले और मौतों का एक डाटा केंद्रीय स्तर पर तैयार होगा। जिलों और राज्यों से प्राप्त इस डाटा के जरिये यह देखा जाएगा कि देश के किन-किन इलाकों में गर्मी जानलेवा बनी हुई है। इन इलाकों में केंद्र सरकार की ओर से विशेषज्ञों की टीमें सहायता के लिए भेजी जाएंगी।केंद्र ने राज्यों से कहा कि गर्मी को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी जाएं, ताकि समय रहते लोगों का बचाव किया जा सके। राज्यों को आवश्यक दवाएं, तरल पदार्थ, आइस पैक, ओआरएस, पीने के पानी के साथ-साथ जनता के लिए आईईसी गतिविधि को लेकर सभी तरह की समीक्षाएं करने के लिए भी कहा है। मांडविया ने कहा कि लोगों में जागरूकता के लिए लगातार प्रयास होने चाहिए। उन्होंने राज्यों से मौसम विभाग के अलर्ट मिलते ही समय पर कार्यवाही करने के लिए भी कहा है।
चुनाव प्रचार में व्यस्त नेता और कार्यकर्ता बार-बार पीते रहें पानी
लोकसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता और प्रत्याशी तेज गर्मी और लू से अपना बचाव करें। बैठक के बाद मांडविया ने कहा कि इस वर्ष मौसम विभाग ने अत्यधिक लू और गर्मी का पूर्वानुमान लगाया है। इसी अवधि में लोकसभा चुनाव भी है। ऐसे में चुनाव प्रचार में व्यस्त सभी प्रत्याशी व कार्यकर्ता बार-बार पानी का सेवन करते हैं। साथ ही जूस का सेवन भी कर सकते हैं जो शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाव करेगा और हीट स्ट्रोक के जोखिम को भी कम करेगा।
बेंगलुरु में हाहाकार?
अप्रैल के महीने में ही बेंगलुरु समेत कर्नाटक के कई हिस्सों में गर्मी का हाहाकार मचने वाला है। सबसे ज्यादा मुसीबत आईटी हब बेंगलुरु में होने वाली है। यहां पानी को लेकर बीते कई दिनों से क्राइसेस है। लोगों को पीने से लेकर नहाने तक का पानी पूरी तरह से मुहैया नहीं हो पा रहा है। जलाशय सूख रहे हैं। माना जा रहा है कि बारिश के बाद बेंगलुरु को राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल न तो बेंगलुरु में बारिश के आसार हैं न ही गर्मी से राहत के।

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